Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

भाजपा की किसानों की आय दुगने करने की जगह आधी भी नहीं रह गया है-बलिराम सिंह

मुण्डेरवा/बस्ती।(सात्विक पटेल) देश एंव प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण आम किसान परेशान है। फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा घोषित किया जाना चाहिए अन्यथा की स्थिति में किसान आंदोलन करने के लिए बिवस होगा क्योंकि किसानों को लाभकारी मूल्य की जगह ओने पौने दाम पर अपनी फसल बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। एक वर्ष के कड़े संघर्ष के बाद सरकार ने तीन काले कानूनों को वापस लिया। वर्तमान समय में किसानों का मोह कृषि से भंग होता नजर आ रहा है। इसके विपरीत सरकारे किसानों के उत्थानों की बातें तो करती है जबकि वास्तविक धरातल पर ऐसा नहीं‌ हो रहा हैं।उक्त प्रतिक्रिया शहीद किसान मेले को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलिराम सिंह लम्बरदार ने ब्क्तत किया।उन्होंने कहा कि सरकार पूजी पतियों के इशारे पर कार्य कर रही है और जब सरकार को पूंजीपति चलाएंगे तो किसान और मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की किसानों की आय दुगने करने की जगह आधी भी नहीं रह गया है उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाह हो गई है और 2024 तक हमें सरकार से संघर्ष करना पड़ेगा उन्होंने यह भी कहा कि तीन काले कानूनों की वापसी हमारी जीत नहीं है हमारी जीत तो तब होगी जब सरकार असुरों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करते हुए कानून बनाएगी उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के दबाव के बाद सरकार ने काले कानूनों को वापस लिया। इसी क्रम में राष्ट्रीय युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि उन्होंने कहा कि सरकार पूॅजीपतियों के इशारे पर कार्य कर रही है। जिसका परिणाम है कि सरकार कंपनी के माध्यम से किसानों की खेती कराना चाहती है ।उन्होंने कहा कि मुनाफाखोरी के लिए तीन काले कानून किसानों के विरोध में लाए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि देश को कुछ उद्यमी अपने हित में चलाना चाहते हैं। किंतु ऐसा कदापि संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़यंत्र कर रही है इसका मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि तीन काले कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान 750 किसानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी ।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को प्रत्येक दशा में फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाना ही पड़ेगा। उन्होंने मुंडेरवा कस्बे में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत व दीवान चन्द्र चौधरी की मूर्ति की स्थापना के लिए अति शीघ्र जमीन उपलब्ध कराने की मांग भी स्थानीय जिला प्रशासन से की है ।अन्यथा की स्थिति में किसान स्वयं ही अपनी सुविधानुसार मूर्ति स्थापित कर देंगे।इसी क्रम में प्रान्तीय उपाध्यक्ष अनूप चौधरी ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा किसानो के उपज का लाभकारी मूल्य नही दिया जा रहा है । उन्होंने कहा कि बढी हुई लागत व महगाई के अनुसार गन्ना मूल्य 450रूपया प्रति कुन्तल घोषित किया जाना चाहिए । जबकि राज्य सरकार के संरक्षण में चीनी मिलों द्वारा 350 रूपया गन्ना मूल्य प्रति कुन्तल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर बन्द पड़ी चीनी मिले प्रदेश सरकार द्वारा चालू नही की गयी तो भाकियू व्यापक आन्दोलन छेड़ेगी । उन्होंने कहा कि जहॉ भगवान के बाद किसान दूसरा रूप किसान माना जाता था तथा उसकी गणना नम्बर एक पर होती थी वहीं दूसरी तरफ उसकी गणना वर्तमान समय में नम्बर एक के स्थान पर नम्बर चार पर हो रही है। इसी क्रम मे राष्ट्रीय सचिव सुरेश यादव एंव घनश्याम वर्मा ने सयुक्त रुप से कहा कि पराली जलाने के नाम पर किसानो का शोषण किया जा रहा है।जगह जगह फर्जी मुुकदमे दर्ज किये जा रहे है।जबकि प्रदूषण कारखानों और वाहनों से फैल रहा हैं।सहकारी गन्ना समिति मुंड़ेरवा के अध्यक्ष दिवान चन्द्र पटेल ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं पर गम्भीरता से विचार कर निदान करे। शहीद किसान मेले को मुख्य रूप से प्रांतीय उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह, सुबास चन्द्र, मारतेन्द्र प्रताप,शोभा राम ठाकुर,राम मनोहर चौधरी ,जयराम वर्मा, सूर्य प्रकाश, इश्तियाक अहमद, महेंद्र चौधरी, सहित तमाम लोगों ने सम्बोधित किया जबकि संचालन मंडल सचिव रामचन्द्र चौधरी ने किया।