Wednesday, July 3, 2024
हेल्थ

टीके की दोनों डोज के साथ अपना रहे हैं कोविड प्रोटोकॉल

-त्योहारों में दूरी बनाकर करें अभिवादन

गोरखपुर।(गुरूमीत सिंह) कोविड टीकाकरण करवाने के बाद भी चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी और अंग्रिम पंक्ति के अधिकारी सतर्कता के व्यवहार के जरिये समुदाय को यह संदेश दे रहे हैं कि अभी कोरोना ख़त्म नहीं हुआ है । इसलिए कोरोना अनुरूप व्यवहार जारी रखना होगा। टीके की दोनों डोज लेने के बाद भी यह लोग कड़ाई का मंत्र बिल्कुल नहीं भूले हैं। समाज को सतर्कता का संदेश दे रहे इन लोगों ने जनसमुदाय से अपील की है कि अभी मॉस्क, दो गज दूरी और हाथों की सफाई बहुत जरूरी है। इसके साथ ही त्याहारों में एक दूसरे से दूरी बना कर ही अभिवादन करें ।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. एके चौधरी पर सर्विलांस गतिविधियों का पूरा दारोमदार है । उन्हें रोज सैकड़ों लोगों से मिलना होता है और बैठकों में शामिल होना होता है। जब भी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाते हैं या कोई उनसे मिलने आता है तो मॉस्क लगाना बिल्कुल नहीं भूलते हैं। टीके की दोनों डोज लेने के बाद भी वह डबल मॉस्क का प्रयोग करते हैं । उनका कहना है कि टीकाकरण के बाद भी कोविड से बचाव का सशक्त माध्यम प्रोटोकॉल का पालन है । टीके का फायदा यह होगा कि अगर कोविड होता भी है तो उसकी जटिलता से बचा जा सकता है ।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में शहरी बाल विकास परियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव मॉस्क और हाथों की सफाई के प्रति बेहद सतर्क हैं । उन्होंने बताया कि टीके की दोनों डोज लेने के बाद भी वह कोविड पॉजीटिव हुए थे। हालत काफी गंभीर हो गयी थी लेकिन फिर भी उनकी जान बच गयी। इसके लिए वह टीकाकरण का अहम योगदान मानते हैं । उनका कहना है कि मॉस्क और हाथों की सफाई न केवल कोविड वायरस से बल्कि अन्य प्रकार के वायरस, धूल-मिट्टी और प्रदूषण से भी बचाता है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में फार्मासिस्ट विमल वर्मा भी टीके की दोनों डोज ले चुके हैं, लेकिन बिना मॉस्क लगाए और सेनीटाइजर रखे फील्ड में नहीं जाते हैं । उनका कहना है कि बीमारी तब तक नहीं जाएगी जब तक कि सभी को टीका न लग जाए। इसलिए अभी सतर्कता ही सबसे बेहतर उपाय है। इसमें सिर्फ फायदा है और किसी किस्म का नुकसान नहीं है। इसलिए सभी लोग सख्ती से कोविड नियमों का पालन करें ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात संदीप राय न केवल खुद सतर्कता का व्यवहार अपना रहे हैं, बल्कि सहयोगी कर्मचारियों को भी समय-समय पर सतर्क करते रहते हैं। उनका कहना है कि कोविड के रोकथाम कार्यक्रमों में कर्मचारी संवर्ग ने काफी मेहनत की है। इसलिए थोड़ी सी लापरवाही के कारण अगर बीमारी का पुनः प्रसार होगा तो मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसलिए अभी सभी को सतर्क रहना है।

*अभी नहीं भूलना है यह व्यवहार*

• भीड़भाड़ वाली जगहों पर मॉस्क का इस्तेमाल अवश्य करें।
• हाथों को साबुन पानी से 60 सेकेंड तक सुमन-के फार्मूला से धुलें।
• अगर साबुन पानी नहीं मिलता है तो सेनेटाइजर इस्तेमाल करें।
• घर से बाहर निकलते समय पॉकेट में सेनेटाइजर अवश्य रखें।
• कोशिश करें कि दो गज दूरी के नियम का पालन हो।
• खांसते-छींकते समय मुंह पर रूमाल या टिश्यू पेपर अवश्य रखें।
• रूमाल और टिश्यू पेपर न रहने पर हाथों की कोहनी का करें इस्तेमाल
• सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ सांस भी फूलने लगे तो चिकित्सक से करें संपर्क
• बाहर का खाना नहीं खाना है और न ही बाजार में बच्चों को ले जाना है