Saturday, May 18, 2024
देश

महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में फ़रार दोषी आशिष गिरफ्तार दूसरा दोषी मुकेश पांचाल ज़मानत पर

— महिला पत्रकार की जान को बढ़ा खतरा तब हुई गिरफ्तारी

चंडीगढ़/सोनीपत। (ब्यूरो)सोनीपत की वरिष्ठ महिला पत्रकार की प्रताड़ना का मामला प्रदेश में ही नही बल्कि पूरे देश मे पिछले 3 साल से चर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब है कि महिला पत्रकार के साथ धोकाधड़ी कर लाखो रुपये का गबन कर जान से मारने की धमकी देने वाले जिन दोषियों ने साजिश के तहत महिला पत्रकार पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाये ओर महिला पत्रकार पर कई बार सायबर अटैक भी किया, जिन दोषियों की गिरफ्तारी के आदेश जिला न्यायालय, हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट भी दे चुका था, लेकिन पुलिस संरक्षण के चलते गिरफ्तारी नही हो रही थी।जो दोषी लगभग 2 साल से फ़रार थे, उन दोषियों में से मुख्य दोषी आशिष पांचाल को पुलिस ने गिरफ़्तार कर के जिला न्यायालय में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर ले लिया है। मुख्य दोषी आशिष पांचाल की त्वरित गिरफ्तारी के पीछे का कारण यह हुआ कि पुलिस संरक्षण के चलते दोषियों के हौसले इतने बुलंद हो गए थे कि दोषियों ने समझौते का दबाव बनाने के लिये अज्ञात संदिग्धों को महिला पत्रकार के घर भेजा जिस से महिला पत्रकार व उस के परिवार को जान व माल का खतरा बढ़ गया, महिला पत्रकार ने अपने ऊपर आये इस जान व माल के खतरे की सूचना तुरन्त पुलिस अधीक्षक को दी और साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री,गृहमंत्री, पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक रोहतक रेंज संदीप खिरवार से भी सोशल मीडिया के माध्यम से जान व माल की गुहार लगाई तो अचानक पुलिस सकते में आई ओर जो दोषी लगभग 2 साल से गिरफ्तार नही हो रहा था उस को पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर भी ले लिया। दूसरा दोषी मुकेश पांचाल जमानत पर बाहर है। गौरतलब है कि महिला पत्रकार के साथ लाखो की धोकाधड़ी व जान से मारने की धमकी में *प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर गठित SIT की जांच के बाद सिटी थाना शहर सोनीपत में 2 जनवरी 2020 से दोषी आशिष व मुकेश पांचाल निवासी नांगल खुर्द,हल्का राई,सोनीपत के खिलाफ़ ipc की धारा 406,420,467,468 व 471के तहत मुकदमा दर्ज है।* साथ ही समझौते का दबाव बनाने की नीयत से महिला पत्रकार पर किये गए झूठे मुकदमे व महिला पत्रकार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को 50,000/- रुपये की रिस्वत का ऑफर करने के जुर्म में जांच के बाद *दोषी आशिष पर ipc की धारा 182के तहत एक और मुकदमा दर्ज है।* इतना ही नही दोषियों को फ़रार करने के जुर्म में *दोषी आशिष के भाई सचिन पर ipc की धारा 212 के तहत मुकदमा दर्ज है* जिस में दोषी सचिन भी जमानत पर बाहर है, ये दोषी आशीष कल तक भी खुल्ला घूम रहा था। जिन अपराधियों की गिरफ़्तारी के आदेश जिला न्यायालय ,उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय दे चुके थे इतना ही नही प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री भी जिस मामले में कार्यवाही के आदेश कर चुके थे, इस मामले के मुख्य दोषी आशिष को कल पुलिस ने गिरफ़्तार कर के अदालत में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया है अब देखना यह होगा कि क्या अब भी पुलिस अपराधियों का संरक्षण करेगी या फिर महिला पत्रकार को न्याय दिलवाएगी।