Saturday, June 29, 2024
देश

महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में पुलिस संरक्षण के चलते अपराधी बने शेर…. सरकार व सुप्रीम कोर्ट के आदेश हो रहे ढेर

मुख्यमंत्री व गृहमंत्री दे चुके है दोषियों पर कार्यवाही के आदेश,

चंडीगढ़/सोनीपत(ब्यूरो) सोनीपत की वरिष्ठ महिला पत्रकार की प्रताड़ना का मामला प्रदेश में ही नही बल्कि पूरे देश मे पिछले 3 साल से चर्चा का विषय बना हुआ है। आज इस मामले में एक नया मोड़ आया जब *फ़रार अपराधियों ने समझौते का दबाव बनाने के लिए महिला पत्रकार के घर पर संदिग्ध व्यक्तियों को भेजा*, उस समय महिला पत्रकार अपने दो दुद्धमुहे बच्चो के साथ अकेली थी, उन लोगो ने घर के बाहर आ कर जोर – जोर से दरवाजे पिटे ओर महिला पत्रकार के पति का नाम ले कर बाहर आने को कहा, ऐसे में महिला पत्रकार घबरा गई और तुरन्त इस मामले की जानकारी पुलिस अधिक्षक सोनीपत जशनदीप रंधावा को उन के फोन पर दी , साथ ही प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज व पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल को जान की गुहार लगाते हुए सारे मामले की जानकारी व्हाट्सएप्प पर भेज दी है। महिला पत्रकार ने बताया कि पुलिस के संरक्षण के कारण अपराधियो के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि अब वो मेरे घर तक पहुच गए है।। इतना ही नही अपराधी मेरे रिश्तेदारों पर भी समझौते का दबाव बना रहे है। जब कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट भी आदेश कर चुका है। क्या पुलिस इन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अब अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के आदेशों की प्रतीक्षा कर रही है या फिर मेरी या मेरे परिवार की हत्या होने का इंतजार कर रही है। गौरतलब है कि महिला पत्रकार के साथ धोकाधड़ी कर लाखो रुपये का गबन कर जान से मारने की धमकी देने वाले जिन दोषियों ने साजिश के तहत महिला पत्रकार पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाये ओर महिला पत्रकार पर कई बार सायबर अटैक भी किया, पुलिस संरक्षण के चलते ऐसे अपराधी आज भी खुल्ला घूम रहे है। ऐसे अपराधी जिन पर महिला पत्रकार के साथ धोकाधड़ी व जान से मारने की धमकी में *प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज* के आदेश पर गठित SIT की जांच के बाद सिटी थाना शहर सोनीपत में 2 जनवरी 2020 से *ipc की धारा 406,420,467,468 व 471* के तहत मुकदमा दर्ज है। साथ ही समझौते का दबाव बनाने की नीयत से महिला पत्रकार पर किये गए झूठे मुकदमे व महिला पत्रकार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को 50,000/- रुपये की रिस्वत का ऑफर करने के जुर्म में जांच के बाद *ipc की धारा 182* के तहत एक और मुकदमा दर्ज है। इतना ही नही दोषियों को फ़रार करने के जुर्म में दोषी के भाई पर *ipc की धारा 212* के तहत मुकदमा दर्ज है, ऐसे अपराधी आज भी खुल्ला घूम रहे है। इन अपराधियों की गिरफ़्तारी के आदेश माननीय अतिरिक्त *जिला व सत्र न्यायालय* सोनीपत* व माननीय *उच्च न्यायलय* पंजाब व हरियाणा चंडीगढ़ दे चुका हो सब से बड़ी बात माननीय *सर्वोच्च न्यायालय* भी अपराधियो को आत्मसमर्पण के आदेश दे चुका हो। फिर भी पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी नही करती। साथ ही महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में प्रदेश के *मुख्यमंत्री मनोहर लाल* व *गृहमंत्री अनिल विज* भी कार्यवाही के आदेश दे चुके हो । फिर भी पुलिस अपराधियों पर कार्यवाही नही करती। ऐसे में देखा जाए तो एक महिला पत्रकार की पिछले 3 साल से चल रही प्रताड़ना हरियाणा में *पुलिसिया कार्यवाही पर बहुत बड़ा सवाल* खड़ा करती है, साथ ही यह भी कहा जा सकता है कि हरियाणा में *महिलाओं व पत्रकारों की सुरक्षा राम भरोसे* है। ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नही होगा कि हरियाणा पुलिस को अपना सलोगन सेवा सुरक्षा सहयोग बदल देना चहिये।