Tuesday, July 2, 2024
हेल्थ

छोटे व सुखी परिवार की बताई गईं खूबियां

– सीएचसी कुदरहा में सास-बहू-बेटा सम्मेलन आयोजित

बस्ती।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुदरहा में सास-बहू-बेटा सम्मेलन का शुक्रवार को आयोजन किया गया। इस मौके पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के जिला सामग्री प्रबंधक प्रदीप सिंह ने परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से बताया। बीसीपीएम राघवेंद्रमणि त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

 

सम्मेलन में गुब्बारे के खेल से सीमित व छोटे परिवार के बारे में प्रतिभागियों को समझाया गया। खेल में चार परिवारों ने प्रतिभाग किया। हर परिवार को अलग-अलग संख्या में एक, दो, तीन तथा पांच गुब्बारे वितरित किए गए। खेल के दौरान प्रतिभागियों को मालूम हुआ कि छोटे परिवार के क्या फायदे हैं। प्रतिभागियों में आदर्श दंपति ने अपना अनुभव साझा किया। परिवार नियोजन संबंधित जानकारी दी गई। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। सही जवाब देने वाले प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे परिवारों को पुरस्कार दिया गया। बेटों द्वारा मुख्य संदेश पढ़ते हुए परिवार नियोजन के साधन अपनाने व सीमित परिवार रखने की शपथ भी ली गई।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. फैज वारिस ने कहा कि

मिशन परिवार विकास कार्यक्रम से आच्छादित जनपदों में उपकेंद्र स्तर पर सास-बहू सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2017-18 से किया जा रहा है। इस बार इस कार्यक्रम में पुरूष सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए बेटे को भी शामिल किया जा रहा है। इसीलिए इसे इस बार सास-बेटा-बहू सम्मेलन का नाम दिया गया है। इसमें प्रतिभाग करने वाली बहू का पति प्रतिभाग करेगा।

 

डीसीपीएम दुर्गेश मल्ल ने बताया कि हर उपकेंद्र पर हर माह आशा कार्यकर्ता द्वारा हेल्थ प्रमोशन दिवस का आयोजन किया जाता है। इस बार सितंबर और अक्टूबर में होने वाले हेल्थ प्रमोशन दिवस से इस सम्मेलन से लिंक कर दिया गया है। यह परिवार नियोजन थीम पर आधारित कार्यक्रम होगा। एक वर्ष के दौरान चिन्हित नवविवाहित दंपति को परिवार नियोजन का परामर्श देने के साथ ही उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए शगुन किट भी उपलब्ध कराया जा रहा है। आयोजन में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराए जाने को निर्देशित किया गया है। गायघाट क्षेत्र की एएनएम शीला देवी सहित समस्त आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी व सीएचसी के स्टॉफ कार्यक्रम में मौजूद रहे।

इन लोगों को किया गया आमंत्रित

– विगत एक वर्ष के दौरान नव विवाहित दंपति

– विगत एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम वाली गर्भवती

– ऐसे दंपति जिन्होंने परिवार नियोजन का कोई भी साधन नहीं अपनाया है।

– ऐसे दंपति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं।

– आदर्श दंपति (ऐसे दंपति जिनके विवाह के दो वर्ष बाद पहला बच्चा हुआ हो, जिनके पहले से दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतर हो, या ऐसे दंपति जिन्होंने दो बच्चों के बाद परिवार नियोजन का स्थायी साधन अपनाया हो।)