Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

36th काव्यगोष्ठि का आनलाइन आयोजन संपन्न

लखनऊ।प्रसिद्ध साहित्यकार, प्रख्यात कवयित्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी के फेसबुक पेज से 36वीं काव्यगोष्ठि का आनलाइन आयोजन संपन्न हुआ। आज के कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों ने दो चरणों में अपनी कविताओं को प्रस्तुत किया जिसमें प्रथम चरण विषय विशेष हिन्दी भाषा पर और दूसरा चरण विषय बाध्य नहीं था।

इस कार्यक्रम के संचालन का तकनीकी योगदान कवियत्री सरिता त्रिपाठी जी (लखनऊ) एवं मंच संचालन कवियत्री श्वेता खन्ना जी (बेंगलुरु ) ने किया। कार्यक्रम में कवियत्री डॉक्टर छाया सिंह जी (जबलपुर), कवि शांति भूषण रॉय जी (मुम्बई) एवं कवि राजेंद्र जाट जी (नोएडा) ने प्रतिभाग कर अपनी कविताओं को अपने मधुर स्वर में प्रस्तुत किया। सभी की कविताएँ दिल को छूने वाली और मन को मुग्ध करने वाली थी और श्रोतागणों की खूब वाहवाही मिली सभी को।
शांति भूषण जी की पंक्तियाँ कुछ इस प्रकार रही दोनों चरण की प्रस्तुति में-
प्यार युक्तियां और सुझाव ह्रदय से हृदय का है जुड़ावl और अजूबा का अनुभव है। अनजानी सी अनुभूति हैl
छाया जी की पंक्तियाँ इस प्रकार रही –
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा
हिंदी हिंदुस्तान हैl
और
पथिक तू सदा याद रखना
तू कभी भी अकेला नहींl
राजेंद्र जी की पंक्तियाँ इस प्रकार रही –
कलम जब भी हाथ में उठाता हूं मन की भावनाओं को कागज पर उकेरता हूंl
और
हार से अपनी इतना क्यों घबराता है?
सरिता जी की पंक्तियाँ इस प्रकार रही –
जब अनपढ़ थे बचपन में
पहला अक्षर अ पढ़ाl
और
झमाझम बारिश
देखा बचपन में था मैंनेl
श्वेता जी की पंक्तियां कुछ इस प्रकार थीl
मैं तुम्हारी मातृभाषा हूं l
मैं वह निर्मल पथ हूंl
और
यादों की पगडंडी पर,
वह लम्हे आज भी बसते हैंl
श्वेता जी का संचालन काबीले तारीफ रहा, नीलम सक्सेना जी का मंच प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार, प्रसून जी का पोस्टर बनाने के लिए तहेदिल से शुक्रिया। निवेदिता जी, पुष्पा जी, सुनील जी, संजय जी, सतबीर जी, अन्य सभी उपस्थित मित्रों एवं साहित्य प्रेमियों का तहेदिल से आभार जिन्होंने लाइव में आकर अपनी टिप्पणियों के माध्यम से निरंतर हौसला बढ़ाया। उन श्रोतागण का भी आभार जिन्होंने कार्यक्रम को बाद में सुना और सराहा। यह कार्यक्रम सप्ताह में प्रत्येक शुक्रवार को नौ बजे होता है आप लोग जरूर जुड़े और आनंद उठायें।