सूबे का उदाहरण बनेगा एक अक्टूबर को कलेक्ट्रेट बस्ती में जनहित मे आहूत बेमियादी अनशन-चन्द्रमणि
बस्ती। जनहित के सातसूत्रीय मांगों को लेकर आगामी एक अक्टूबर से समस्या समाधान न होने तक आहूत बेमियादी धरने की सफलता को लेकर समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय(सुदामाजी)ने न केवल कमर कस लिया है अपितु वो किसानों नौजवानों सामाजिक संस्थाओं से सम्पर्क स्थापित कर निरन्तर सहयोग की अपील कर हर व्यक्ति से एक दिन अपने अधिकारों की आवाज बुलंद करने हेतु कलेक्ट्रेट बस्ती समय मांग रहे हैं उनका कहना है कि भले ही समस्या बडी व सर्वव्यापी हो पर वो दर्द व हमारे इरादे से बडी नहीं हैं यदि टूटे अमहट पुल के लिए हम 23दिन आमरण अनशन कर सकते है प्रस्तावित स्टाम्प ड्युटी शुल्क वापस करने हेतु रजिस्ट्री गेट पर लेट सकते हैं घाघरा तट पर बसे गांवों की सुरक्षा हेतु उफनती नदी में कूद सकते हैं तो जनपद ही नहीं किसानों नौजवानों शिक्षकों छात्रों के हित हम जान दे भी सकते है हमने जिस दिन से सर मुंडन करा कर धोती पहनना शुरू किया धोती को ही अपना कफन मान कर जीवन जनता की सेवा में संकल्पित कर दिया जरूरत है कि आपने समस्याओं व अधिकारों हेतु आप सब भी बाहर निकलें अपनी ताकत पहचाने बेमियादी चलने वाले इस धरने में अपनी सुविधानुसार एक दिन का समय देते हुए अपनी आवाज बुलंद करें वरन पूरे देश के जीवन यापन हेतु अन्नोत्पादन करने वाला किसान नौजवान खुद भुखमरी के कगार पर होगा हमारे छतो पर लगने वाले कद्दू लौकी को बंदरों ने तो आलू जंगलीसुवर ने व अरहर मटर को नीलगाय ने हम से छीन लिया अब गेंहू व धान को छुट्टा जानवर बर्बाद कर रहे हैं 2017के तहसील से लेकर विधानसभा तक घेराव कर सांडशाला निर्माण के मांग पर गौशाला तो बना किन्तु गौशालाएं गौवंशज विहीन या चारा विहीन है फलताः आज खेतों खलिहानों गलियों बाजारों में इनका आतंक है इन्हें नियंत्रित करने की जगह सरकार के ईशारे पर रोज आम जनता को ही मास्क व हेलमेट के नाम पर परेशान किया जाता है योगी जी कि पुलिस के पास जैसे चालान काटने के सिवा कोई और काम नहीं है उन्होंने कहा कि क्यि कोरोना सिर्फ़ आम जनता से फैलता है अधिकारियों कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों का चालान क्यों नहीं कटता सुदूर क्षेत्र से आने वाले का मास्क पर चालान हो न कि अपने घरों दुकानों खेतों में बैठे लोगों का उन्होंने मांग किया कि समानता पूर्वक सबका चालान काटा जाये व साथ ही मास्क भी वितरित हो किन्तु धन्य हैं अधिकारी कर्मचारी जहां कृषकों को देय अनुदान योजना में लूट हो रहा है,सडकें बदहाल हैं,प्रमुख चौराहे अण्डरपास विहीन है,सी.एच.सी.हर्रैया में तीन वर्ष के सापेक्ष ६वर्षों से प्रभारी अधीक्षक कब्जा जमाये बैठे हैं,60किमी के मानक विरुद्ध तालाब की जमीन पर टोल चौकडी स्थापित है वहीं 2014से सुविधाशुल्क के अभाव में अनेक विद्यालयों की मान्यता पत्रावली लम्बे है जबकि 28हजार से बढाकर 150हजार(डेढ लाख)किये गये मान्यता प्रत्यावेदन शुल्क को हमने शासन से लडकर पूरे सूबे में दस हजार से भी कम करा दिया किन्तु अधिकारी कर्मचारी जनप्रतिनिधि सभी सत्ता वंदना व जनता के शोषण में लिप्त है जबकि इन्हें वेतन व अन्य सुविधाएं जनता से मिलती है ऐसे में यदि जनपद के जागरूक किसानों नौजवानों व किसान हितैषी संगठनों ने सहयोग दिया तो न केवल हम उक्त समस्याओं के समाधान में सफल होंगें अपितु जनहित के समस्या समाधान हेतच यह आन्दोलन सूबे में उदाहरण साबित होगा उन्होने कहा शहीद भगत सिंह को याद करते हुए कहा कि क्रांतिकारियों को सिर्फ नमन ही नहीं हमें उनके आदर्शों का अनुकरण भी करना होगा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जी ने कहा था तुम हमें खून दो हम तुम्हें आजादी देंगें
मैं भी कहता हूं कि आप हमारा साथ दें हम आपके हित में प्राण देंगें।