Saturday, May 4, 2024
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आरोपियों की गिरफ्तारी न कर के हाइकोर्ट के निर्णय व आदेशो की अवमानना कर रही है सोनीपत पुलिस

सोनीपत। (ब्यूरो): सोनीपत की वरिष्ठ महिला पत्रकार के मामले में अंतिम निर्णय सुनाते हुए माननीय हाइकोर्ट ने अपराधी आशीष पांचाल की जमानत याचिका खारिज करते हुए सोनीपत पुलिस को गिरफ्तारी के आदेश पिछले महीने की 12 अगस्त को किया था लेकिन माननीय हाइकोर्ट के आदेशों की पालना तो दूर की बात है सोनीपत पुलिस उन आदेशो पर सांप की तरह कुंडली मार के बैठ गई है, इस बात से साफ जाहिर होता है कि सोनीपत पुलिस पर कोई न कोई दबाव जरूर बना हुआ है जो कि सोनीपत पुलिस माननीय हाइकोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रही है।
गौरतलब है कि महिला पत्रकार के साथ धोखा धड़ी व जान से मारने की धमकी के आरोप में प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर गठित SIT की जांच के बाद इन दोषियान के खिलाफ सिटी थाना शहर सोनीपत मे IPC की धरा 406 , 420 ,467 ,468 ,471 के तहत मुकदमा संख्या 0001 दिनांक 02 /01 /2020 से दर्ज है
जिसमे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय सोनीपत से भी इन दोषियों की अग्रिम जमानत याचिका भी ख़ारिज हो जाने के बावजूद आज तक भी इन दोषियों की गिरफ़्तारी नहीं हुई थी। समझौते का दबाव बनाने के लिये इन आरोपियों द्वारा विगत समय मे साजिश के तहत महिला पत्रकार व उन के पति पर झूठे मुकदमे भी करवाये गए थे।जिस झूठे मुकदमे में दोषियों ने महिला पत्रकार की गिरफ्तारी के लिए सोनीपत पुलिस को 50,000 रुपये रिस्वत का भी ऑफर किया गया था जिस में जांच के बाद इन दोषियों के खिलाफ ipc की धारा 182 के तहत भी मुकदमा दर्ज हो चुका है। लेकिन गिरफ्तारी आज तक भी नही हुई, विडम्बना है कि इस झूठे मुकदमे के कारण महिला पत्रकार व उस का परिवार आज भी सामाजिक, आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है।
माननीय हाइकोर्ट के आदेश के बाद महिला पत्रकार को न्याय की एक उम्मीद नजर आई थी लेकिन इस उम्मीद पर भी सोनीपत पुलिस सांप की तरह कुंडली मार के बैठ गई है। पिछली 29 जुलाई को अंतिम बहस के बाद माननीय हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, व अंतिम फैसला 12 अगस्त को महिला पत्रकार के पक्ष में सुनाया था। माननीय हाइकोर्ट ने दोषी आशीष पांचाल की जमानत याचिका खरिज करते हुए सोनीपत पुलिस को दोषी की गिरफ्तारी के आदेश जारी किये थे व साथ ही माननीय हाइकोर्ट ने आदेश दिया था कि इस मामले की गहनता से जांच हो जिस से की इस अपराधी के ओर भी जितने अपराध व साथी हो वो सभी कानून की गिरफ्त में आए व महिला पत्रकार से गबन किये 9.55 लाख रुपये व लैपटॉप की बरामदगी की जाए साथ ही दोषियों द्वारा बनाये गए नकली बिलो की साजिश में जो भी लोग शामिल हो जल्द से जल्द उन पर भी कानूनी शिकंजा कसा जाए। लेकिन सोनीपत पुलिस दोषियों की गिरफ्तारी तो दूर की बात है, माननीय हाइकोर्ट के आदेशों पर सांप की तरह कुंडली मार के बैठ गई है ओर माननीय हाइकोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रही है। अब देखना यह होगा कि सोनीपत पुलिस कब तक माननीय हाइकोर्ट के आदेशों पर से अपनी कुंडली हटा कर दोषियों की गिरफ्तारी करती है।