Monday, July 1, 2024
साहित्य जगत

दिल चाहता है…

दिल चाहता है
एक बार फिर से वही जमाना आ जाये
लोगो में बीते संस्कार फिर से आ जाये
दिल चाहता है,,,
न को दिखावा हो न कोई बनावट हो
हर रिश्ते में बस सच्ची मुस्कुराहट हो

दिल चाहता है,,,
फिर से ब्लैक & व्हाइट टी वी चलता हो
कोई किसी की खुशी देख न जलता हो
दिल चाहता है,,,
दादी-नानी फिर से कहानी सुनाने लगे
झूले में बेटियाँ सावन के गीत गाने लगे

दिल चाहता है,,,
खतों से ही रिश्तेदारीयो का प्यार हो
हर किसी को डाकिए का इंतजार हो
दिल चाहता है,,,
बिन AC के हर कोई मस्त हो स्वस्थ हो
कोरोना जैसी बीमारी जड़ से ध्वस्त हो

विपिन प्रधान
उत्तर प्रदेश