पोखर भिटवा मामले में 14 पुलिसकर्मी दो राजस्व कर्मी के ऊपर मुकदमा हुआ दर्ज
बस्ती। आशिक मिजाज दरोगा द्वारा छात्रा को परेशान करने के मामले में 14 लोगों के ऊपर मुकदमा थाना कोतवाली में पंजीकृत किया गया जिसमें 12 पुलिसकर्मी एक हल्का लेखपाल कानूनगो शामिल है पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि की है उन्होंने बताया कि 14 लोगों के ऊपर पीड़िता की तहरीर पर थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें धारा 323 324 211 342 504 506 354 क 354 ख 354.ग 354 घ 452 120 बी 65 के तहत विवेचना की जाएगी जिसमें सब इंस्पेक्टर दीपक सिंह सब इंस्पेक्टर राजन सिंह सब इंस्पेक्टर अभिषेक सिंह आरक्षी संजय कुमार महिला आरक्षित दीक्षा यादव महिला आरक्षी नीलम और तत्कालीन महिला थाना प्रभारी निरीक्षक शीला यादव तत्कालीन कोतवाल निरीक्षक रामपाल यादव आरक्षी आलोक कुमार आरक्षी पवन कुमार कुशवाहा आरक्षी अवधेश वर्मा दो से तीन पुलिसकर्मी नाम पता अज्ञात है जिसमें कानूनगो सतीश और हल्का लेखपाल शालिनी सिंह शामिल हैं क्या है पूरा मामला जरा जानिए बस्ती पुलिस की करतूत। छात्रा के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करने के मामले में बस्ती के कोतवाल तथा आरोपित दारोगा को निलम्बित करने के साथ ही कार्रवाई करने में शिथिलता बरतने पर एसपी बस्ती का तबादला कर दिया गया है
बस्ती के बहुचर्चित पोखरभिटवा मामले में आज बड़ी कार्रवाई की गई है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बस्ती के एसपी हेमराज मीणा को हटाकर डीजीपी मुख्यालय में एसपी के पद पर तैनाती दी है। एसपी अभिसूचना मुख्यालय आशीष श्रीवास्तव को एसपी बस्ती के पद पर भेजा गया है। माना जा रहा है उन्होेंने मामले में उचित कार्रवाई नहीं की और युवती की शिकायत को अनदेखा किया गया। इसके साथ ही आरोपित दारोगा दीपक कुमार सिंह और कोतवाल रामपाल यादव को निलंबित कर दिया गया है। एसपी मीणा के स्थान पर आशीष श्रीवास्तव को बस्ती का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। इसके साथ ही बस्ती कोतवाली के इंस्पेक्टर रामपाल यादव तथा छात्रा को परेशान करने के आरोपित दारोगा दीपक सिंह को निलंबित किया गया है
बस्ती में छात्रा से फोन पर वार्ता के दौरान दारोगा दीपक सिंह के अभद्रता करने के साथ ही छात्रा के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करने के मामले के तूल पकड़ते ही एडीजी गोरखपुर अखिल कुमार ने मामले का संज्ञान लिया। अखिल कुमार ने शनिवार को बस्ती का रुख किया और मामले की प्रारंभिक जांच के बाद ही निष्कर्ष निकाल दिया। एडीजी अखिल कुमार शनिवार को अचानक बस्ती पहुंचे और कमिश्नर अनिल कुमार सागर के साथ युवती के गांव गए। यहां दारोगा दीपक कुमार सिंह पर लगाए गए आरोपों और युवती के स्वजन पर दर्ज मुकदमों की जांच की। युवती और उसके स्वजन के साथ ही गांव के अन्य लोगों के बयान लिए गए। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। एडीजी गोरखपुर अखिल कुमार के आदेश पर गोरखपुर के आदेश पर रामपाल यादव तथा दीपक सिंह को निलंबित कर दिया गया। दीपक सिंह ने फोन पर युवती ने प्यार का इजहार किया था। एक तरफा प्यार का छात्रा के इनकार करने पर दीपक सिंह ने बदले में ताबड़तोड़ कार्रवाई के तहत छात्रा पर आठ केस दर्ज किए इतना ही दारोगा ने छात्रा के परिवार के लोगों के खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर दिए थे
यह है मामला
लॉकडाउन संक्रमण काल के दौरान जून 2020 में चेकिंग के समय दारोगा ने जांच के नाम पर युवती का मोबाइल नंबर लिया था। उसके बाद अश्लील मैसेज भेजने लगा। विरोध करने पर मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद गांव में चकरोड का विवाद हुआ। ग्रामीणों ने दारोगा को बंधक बना लिया था। इस मामले में ग्रामीणों समेत युवती के परिवार वालों पर भी मुकदमा दर्ज हुआ। युवती ने मैसेज प्रकरण की जानकारी देते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की शिकायत की। जांच की गई लेकिन अधिकतर आरोपों को गलत बताया गया। अभद्रता के मामले में दारोगा को बैड इंट्री देकर कुशीनगर एयरपोर्ट पर तैनात कर दिया गया। दारोगा के भाई का भी बस्ती से तबादला कर दिया गया। इसके बाद युवती ने एक-एक परिवार पर आठ मुकदमे दर्ज किए जाने की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर वह मुख्यमंत्री से मिली। उन्होंने जांच का आदेश दिया। एडीजी मंडलायुक्त के साथ शनिवार को गांव पहुंचे और उन्होंने अपनी पड़ताल की। इसके बाद एसपी का तबादला करने के साथ दारोगा औऱ कोतवाल को निलंबित कर दिया गया।