Sunday, May 5, 2024
शिक्षा

नारी सशक्तिकरण में आवश्यक है जूडो कराटे प्रशिक्षण-डॉ स्मिता पांडेय

बभनान/गोण्डा।(रवि कौशल) आचार्य नरेंद्र देव किसान पी जी कॉलेज में चल रहे 7 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में छात्राओं को जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं।एनएसएस कार्यक्रमाधिकारी डॉ स्मिता पांडेय ने बताया कि जूडो और कराटे आत्मरक्षा और दुश्मनों को परास्त करने की एक जापानी कला है, जो आज पूरे विश्व में लोकप्रिय हैं। महिलाएं जूडो और कराटे के द्वारा व्यक्ति या दुश्मनों से न केवल अपनी रक्षा कर सकती है बल्कि एक साथ वह कई प्रतिद्वंदियों पर हावी हो सकती है।इसके द्वारा वह हथियारों से लैश दुश्मनों से भी अपना बचाव कर सकती है।जूडो और कराटे न केवल एक युद्धकला है बल्कि यह एक लोकप्रिय खेल भी है। जूङो और कराटे चूँकि दोनों ही मार्शल आर्ट से सम्बंधित है परन्तु कई बार लोग इन्हें एक ही समझ बैठते हैं,वास्तव में यह सही नहीं है जूडो और कराटे दोनों अलग अलग हैं। जूडो और कराटे दोनों मूल रूप से मार्शल आर्ट हैं किन्तु दोनों की शैली अलग,अलग है महिलाओं के लिए जूडो कराटे का प्रशिक्षण और उनके सशक्तिकरण,आत्मरक्षा और शारीरिक तथा बौद्धिक विकास के लिए अति आवश्यक है महाविद्यालय के प्रबंधक विजय पांडेय ने महाविद्यालय में चल रहे जूडो कराटे प्रशिक्षण को छात्राओं के व्यक्तित्व विकास और संकट के समय अपनी सुरक्षा का सशक्त माध्यम बताते हुए इसकी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है। इस दौरान डॉ श्रवण कुमार शुक्ला, डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह।