बहुत हो गया रोना धोना…
बहुत हो गया रोना धोना,
हर जुबान पर था कोरोना।
भय दहशत था चारो ओर।
साँय-साँय का अद्भुत शोर।
वीरां थी जीवन की बगिया।
जान गॅवाई मेरी लखिया।
था कैसा भीषण संताप।
गजब चीख थी बाप रे बाप।
दुख की फैली थी चिनगारी।
कभी न आयी यह बीमारी।
जब से वैक्सीन है आया।
कोरोना का दुर्ग ढहाया।
डा0 वी0 के0 वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय-बस्ती