Saturday, May 18, 2024
देश

आजादी के बाद देश में पहली बार किसी महिला को दी जाएगी फांसी, तैयारियां शुरु

नई दिल्ली।(अरुण कुमार)भारत को आजादी मिलने के बाद देश में पहली बार किसी महिला को उसके आपराधिक कृत्यों के लिए फांसी की सजा दी जाएगी। इसके लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते फांसी घर में अमरोह की रहने वाली शबनम को फांसी पर लटकाया जाएगा।

जानकारी के लिए बता दे, निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद दो बार फांसी घर का निरीक्षण भी कर चुके हैं। हालांकि फांसी की तारीख अभी तय नहीं है।

अब महिला का गुनाह भी जान लीजिये

जानकारी के लिए बता दे, मामला साल 2008 का है जब अमरोहा की रहने वाली शबनम नाम की महिला ने अप्रैल महीने में प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। जिसके बाद उसे जेल हो गई थी, और अदालत ने शबनम को फांसी की सजा सुनाई थी। सजा सुनाये जाने के बाद सबनम ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर राष्ट्रपति तक दया याचिका लगाई लेकिन सबनम को हर जगह निराशा ही हाँथ लगी।

आज तक किसी महिला को नहीं हुई फांसी
मामले में महिला शबनम के जघन्य अपराध को देख सुप्रीम कोर्ट से लेकर राष्ट्रपति तक ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा। और सबनम की दया याचिका खारिज कर दी। यही वजह है कि आजाद भारत के इतिहास में शबनम पहली ऐसी महिला होगी जिसे फांसी की सजा दी जाएगी।

आपको बता दे, मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था। लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई।

बक्सर से आएगा फांसी का फंदा
शबनम को फांसी पर लटकाने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है ताकि किसी तरह अड़चन पैदा न हो। जेल अधीक्षक के मुताबिक पवन जल्लाद दो बार फांसीघर का निरिक्षण कर चुका है। उसे तख्ता-लीवर में कमी दिखी, जिसे ठीक करवाया जा रहा है। अगर अंतिम समय में कोई अड़चन नहीं आई तो शबनम पहली महिला होंगी जिसे आजादी के बाद फांसी की सजा होगी।

मथुरा जेल के अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं की गई है और ना ही कोई आदेश आया है लेकिन जेल प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी।