Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

सांस्कृतिक कार्यक्रमो के साथ उल्लास से मनाया गया श्री चित्रगुप्त मंदिर का 9 वां स्थापना दिवस

बस्ती । भगवान श्री चित्रगुप्त मंदिर धर्मशाला रोड के 9 वें स्थापना दिवस के अवसर पर विधि विधान से पूजन अर्चन, आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन, दहेज कुप्रथा पर आधारित नाटक ‘नई रीति’ का मंचन किया गया। चित्रगुप्त मंदिर कमेटी एवं कायस्थ सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कलाकारों ने ऐसी छटा बिखेरी की लोग देर रात तक जमे रहे।

गणेश वंदना, हनुमान चालीसा से आरम्भ सांस्कृतिक कार्यक्रम में ‘श्री गणेशाय देवा’ की प्रस्तुति सगुन, शिवाली, अभय देव द्विवेदी, हनुमान चालीसा की प्रस्तुति मनीष श्रीवास्तव, वंदेमातरम में इकरा निहारिका, शिव ताण्डव में प्रियांशी, ‘ऐ गिरि नन्दनि’ को मीनाक्षी, काली कमली में निमिशा, शिवांशी, स्वागत गीत, सरस्वती वंदना में नेहा श्रीवास्तव, कृष्ण श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत दहेज गीत की प्रस्तुतियां सराही गई। विजय श्रीवास्तव कृत नाटक ‘नई रीति’ के मुख्य कलाकारों में बाल मुकुन्द आकाश, सिम्मी भाटिया, राहिल खान, वंदना चौधरी, सूर्या उपाध्याय, भक्ति नारायण लाल श्रीवास्तव, अमर दीप, शिवम साहू, परमात्मा प्रसाद श्रीवास्तव आदि ने दहेज की कुप्रथा पर करारा चोट किया। संचालन दुर्गेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव ने किया।
गायत्री मंदिर के पुजारी रामप्रसाद तिवारी ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज को सही दिशा मिलती है। मंदिर संस्थापक सुरेन्द्र मोहन वर्मा ने आगन्तुकोें के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि ऐसे आयोजन समाज की भलाई के लिये आवश्यक है। कायस्थ सेवा ट्रस्ट संस्थापक अजय कुमार ने कहा कि प्रयास होगा कि 10 वे स्थापना दिवस को और अधिक भव्यता से मनाया जाय।
अतिथियों ने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण-पत्र देकर उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से कृष्णचन्द्र श्रीवास्तव, अंकुर वर्मा, देवेन्द्र श्रीवास्तव, सन्तोष श्रीवास्तव, कौशल किशोर श्रीवास्तव, डा. सौरभ सिन्हा, दुर्गेश श्रीवास्तव, सर्वेश श्रीवास्तव, अनूप खरे, बबलू श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, पार्थ, रमेन्द्र कुमार, सत्यानन्द श्रीवास्तव, वीरेन्द्रनाथ पाण्डेय, अनिल पाण्डेय, अमर सोनी, बीरू चौधरी, राहुल श्रीवास्तव, प्रेमचन्द्र श्रीवास्तव, अपराजिता सिन्हा, अंशु उपाध्याय, शिवांगी पाण्डेय, संगीता, मीनू, राकेश, प्रियंक, रीतिकेश सहाय, कृष्ण गोपाल श्रीवास्तव, रमेश चन्द्र श्रीवास्तव के साथ ही समाज के विभिन्न वर्गो के लोग उपस्थित रहे