Sunday, May 5, 2024
बस्ती मण्डल

रिश्वत नही मिलने पर बीडीए अधिकारी कर रहे है उत्पीड़न

बस्ती। छः लाख रूपये रिश्वत देने से मना करने पर बीडीए के अधिकारी उत्प़ीड़न पर उतर आये। पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे बीडीए के अधिकारियों ने मकान को सील करना शुरू कर दिया। मनमानी दिखी तो पीड़ित सहित आसपास के लोग विरोध पर उतर आये। मौके से उन्हे सीलिंग की कार्यवाही बीच में ही रोककर भागना पड़ा।

यह बातें समाजसेवी अपूर्व शुक्ला ने कहीं। वे कटरा चौराहे पर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से अपना दर्द साझा कर रहे थे। उन्होने कहा आवास विकास कालोनी में सांई मंदिर के निकट उनका मकान है। मकान काफी पुराना है जिसका मानचित्र 1982 में बना है। वे इसी मकान का जीर्णोद्धार करवा रहे हैं। आरोप है कि बीडीए के अधिशाषी अभियन्ता पंकज पाण्डेय ने 6 लाख रूपये उनसे रिश्वत मांगा था। मना करने पर वे उत्पीड़न पर उतर आये। इससे मोहल्ले में उनकी बेइज्जती हुई और मानसिक, आर्थिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। अपूर्व शुक्ल ने कहा एक ही दिन में विभाग ने तीन नोटिस जारी किया, किसी में पत्रांक है तो किसी में नही है। यहां तक कि सफेद स्याही लगाकर पत्रांक और दिनांक मिटाया गया है। बीडीए के अधिकारियों को इतना भी ध्यान नही रहा कि उन्होने सम्बन्धित को 7 दिनों का वक्त दिया था, जो 10 फरवरी को पूरा होता, लेकिन अनावश्यक दबाव बनाने और उत्पीड़न के इरादे से वे पुलिस फोर्स के साथ दो दिन पहले ही आ धमके।

उन्होने कहा उनका मकान 190 वर्ग मीटर में है जिसमे दो भाईयों का हिस्सा है, बीडीए के एक्ट के मुताबिक 100 वर्ग मीटर में मकान बनने पर मानचित्र जरूरी नही है। फिर भी उन्हे तंग किया जा रहा है।

उन्होने कहा वे पूरे मामले से अवगत कराते हुये जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन से मिल चुके हैं, उन्होने मातहतों को वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया है। इस मामले में अधिवक्ता के माध्यम से अपूर्व ने बीडीए के जेई आरसी शुक्ला एवं अधिशाषी अभियन्ता को नोटिस भेजकर कहा है कि आपकी मनमानियों के चलते उन्हे जो मानसिक, सामाजिक और आर्थिक क्षति हुई है उसके जवाब में क्यों न उनके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाये। अपूर्व का कहना है कि माकूल जवाब नही आया तो न्यायिक प्रक्रिया शुरू करेंगे, इसकी पूरी जिम्मेदारी जेई आरसी शुक्ला एवं अधिशाषी अभियन्ता पंकज पाण्डेय की होगी।