Wednesday, July 3, 2024
हेल्थ

होम्योपैथ से असाध्य बीमारियों का इलाज संभव-डॉ भास्कर शर्मा

स्वास्थ्य।आज होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धित दुनियाँ भर में एक जानी मानी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है। आज होमियोपैथी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। खास बात यह है की इस पद्धति में रोगी पर लगातार नजर रखते हुए रोग से उत्पन्न शारीरिक और मानसिक लक्षणों के आधार पर ही चिकित्सा की जाती है अर्थात इस पद्धति में बीमारी के आधार पर नही वरन रोगी के तन मन के हालात को देखते हुए चिकित्सा की जाती है।होम्योपैथी ‘समः समं, शमयति’ के सिद्धांत पर काम करती है, जिसका अर्थ है समान की समान से चिकित्सा अर्थात एक तत्व जिस रोग को पैदा करता है, वही उस रोग को दूर करने की क्षमता भी रखता है। इस पद्धति के द्वारा रोग को जड़ से मिटाया जाता है।

विश्वस्तरीय होमियोपैथी चिकित्सक भास्कर शर्मा सिद्धार्थनगर उत्तरप्रदेश मो.०९४५०५४९८९५ के ने होमियोपैथी क्यों महत्वपूर्ण हैं हमारी जिन्दगी में बता रहे है.

 

-होम्योपैथिक दवाए रोगी की जीवनी शक्ति को उत्प्रेरित कर उसे रोग से मुक्ति दिलाती है।

 

-पुराना से पुराना रोग भी होमियोपैथी चिकित्सा से समाप्त किया जा सकता है।

 

होम्योपैथि में रोग का नही रोगी का इलाज किया जाता है। इसके लिए रोगी के शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत किया जाता है ताकि वह खुद ही बीमारी से लड़ सके।

 

-होम्योपैथिक दवाएँ बिलकुल हानिरहित और बिना साइड इफेक्ट के रोग को जड़ से समाप्त करने में सक्षम है।

 

-होमियोपैथी में मनुष्य को अंगों का एक समूह नहीं, बल्कि एक इकाई मानकर उसका पूरा इलाज किया जाता है।

 

 इसलिए शरीर के अलग-अलग भागों का इलाज कराने के लिए अलग-अलग विशेषज्ञों के पास जाने की आवश्यकता नहीं। इस प्रकार यह एलोपैथ से सस्ती पद्धति है।

 

-होमियोपैथिक दवाएं को मनुष्य पर आजमाकर इनके प्रभाव को परखा जाता है, जानवरों पर नहीं,इस प्रकार यह सौ प्रतिशत निरापद है।

 

-होमियोपैथ दवाएं मीठी गोलियों या तरल रूप में दी जाती हैं, जिन्हें लेना बहुत आसान होता है। इसी कारण बच्चे भी होमियोपैथिक दवाएं लेने के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं।

 

-होमियोपैथिक दवाएं एक्यूट और क्रॉनिक (नयी और पुरानी ) दोनों प्रकार के रोगों में प्रभावी होती हैं। इस पद्धति में कई ऐसी क्रॉनिक बीमारियों का इलाज होता है, जो दूसरी पद्धति में असाध्य मानी जाती हैं।

 

-होमियोपैथ पाचन तंत्र को व्यवधान नहीं पहुंचाता और ना ही वह एंटीबायोटिक्स की तरह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है।

 

-होमियोपैथिक दवाएं सुरक्षित होती हैं और एलोपैथ दवाओं के विपरीत, ये दवाएं सामान्यतः साइड इफैक्ट रहित होती हैं।

 

-होमियोपैथिक दवाएं कोई रासायनिक क्रिया नहीं करतीं और शरीर के अपने प्रतिरक्षा प्रणाली एवं रोग निदान की शक्ति को उत्तेजित करती हैं।

यह कई एलर्जिक रोगों में भी बहुत ही प्रभावकारी है।

 

-चूंकि यह एक निरापद चिकित्सा पद्धति है, इसका उपयोग कभी भी और किसी भी व्यक्ति(नवजात शिशु, बूढे लोगों, गर्भवती स्त्रियों) के लिए हो सकता है।

-होमियोपैथी उपचार को इंसानों में होनेवाले अनेक संक्रामक रोगों के उपचार के लिए सफ़ल माना जाता है। यह उपचार अनेक गम्भीर और जानलेवा संक्रामक रोगों के उपचार में भी सफ़ल माना जाता है।

-इन दवाओं के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं या दवाओं से मरीज़ का सामान्य स्वास्थ्य भी बिगडता नहीं है। होमियोपैथी दवा के उपचार से प्रतिरोधक क्षमता को बढावा मिलता है।

-होमियोपैथी दवाईयां उन लोगों में भी असरकारक होती हैं, जिन्होंने दुष्प्रभावों के कारण एलोपैथी उपचार को बन्द कर दिया हो।

 

-होमियोपैथी उपचार सुरक्षित हैं और कुछ विश्वसनीय शोधों के अनुसार कैंसर और उसके दुष्प्रभावों के इलाज के लिए होमियोपैथी उपचार असरदायक हैं। यह उपचार आपको आराम दिलाने में मदद करता है और तनाव, अवसाद, बैचेनी का सामना करने में आपकी मदद करता है।

-कई रोगों में जहां अन्य चिकित्सा पद्धति में सर्जरी ही एकमात्र इलाज है जैसे- टांसिलाइटिस, अपेंडिसाइटिस, मस्से, ट्यूमर, पथरी, बवासीर आदि। इनमें भी होम्योपैथी कारगर है।

-होम्योपैथिक चिकित्सा कमर दर्द, गर्दन दर्द, आथ्र्राइटिस, ओस्टियो – आथ्र्राइटिस, गठिया, सियाटिका, कैंसर पीड़ा, सिर दर्द, माइग्रेन, इरीटेबल बाउल सिंड्रोम, साइनुसाइटिस, डिस्क समस्या, पेट दर्द, हर्पिज, न्यूरेल्जिया और डायबेटिक न्यूरोपैथी जैसे किसी भी तरह के दर्द का सफलतापूर्वक निवारण हो सकता है।

– असाध्य रोग जैसे केंसर, शुगर आदि को भी होमियोपैथी पूर्णतया समाप्त कर देती है |

 

डॉ.भास्करशर्मा एम्.डी(होमियोपैथी मटेरिया मेडिका),पीएच. डी(होमियोपैथी मटेरिया मेडिका)