Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

97 प्रतिशत से अधिक लोगों ने टीकाकरण अभियान को सराहा

बस्ती।नीति आयोग के सदस्य और भारत सरकार के कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. विनोद कुमार पॉल ने बताया कि देश में कोविड-19 टीका लगवाने वाले 97 प्रतिशत लोग टीकाकरण से संतुष्ट पाए गए हैं। दुनिया के अब तक के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत ने 66 लाख से ज्यादा लोगों को अब तक प्रतिरक्षित किया जा चुका है। अब तक जिन लोगों को टीका लगाया जा रहा है, उनमें स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल हैं। इन्हें सबसे ज्यादा खतरा है।

उन्होंने यह बातें ‘कैसे बढ़ाएं टीकाकरण पर भरोसा’ विषय पर आयोजित वेबिनार कार्यक्रम में कही। इसका आयोजन हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ इंडिया रिसर्च सेंटर और प्रोजेक्ट संचार की ओर से किया गया था। इसमें भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने कोविड-19 टीकाकरण पर भारतीय संदर्भ में चर्चा की। श्री पाल ने बताया कि 1500 में मुश्किल से एक को कोई हल्की सी समस्या हो रही है।

भारत सरकार की कोविड-19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार पॉल ने कहा कि टीकाकरण का अब तक का अनुभव बहुत सकारात्मक और उत्साहवर्धक रहा है। टीकों को ले कर हिचकिचाहट अब बहुत तेजी से समाप्त हो रही है। दोनों टीके सर्वाधिक सुरक्षित हैं। देश की बड़ी आबादी को टीका उपलब्ध करवाने की भारत की रणनीति के बारे में बताया कि आत्मविश्वास का आधार घरेलू टीकों की व्यापक उपलब्धता, टीकों के भंडारण और वितरण की विशाल ढांचागत सुविधाएं और कोविन के रूप में एक समग्र आईटी समाधान है।

भारत के निवेश का मिल रहा लाभ
भारत सरकार के जैव प्रोद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा मानव संसाधन, ढांचागत सुविधाओं और टीकों के लिए उपयुक्त माहौल बनाने में किया गया भारत का प्रयास अब तक के इस टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता की मुख्य वजह रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में आधा दर्जन टीके मंजूरी की प्रक्रिया में काफी आगे पहुंच चुके हैं। दो टीके फेज-थ्री ट्रॉयल में हैं। जो टीके तैयार किए जा रहे हैं उनमें एक डीएनए आधारित टीका है। इसी तरह एमआरएनए व आरबीडी आधारित टीका भी तैयार किया जा रहा है। रूसी स्पुतनिक टीके का भारतीय साझेदारी में ट्रायल चल रहा है। बताया कि भारत बायोटेक दूसरे टीकों के अलावा नाक से दिया जाने वाला टीका भी तैयार कर रहा है। कई दूसरे टीके भी प्री क्लीनिकल ट्रायल में काफी आगे बढ़ चुके हैं।

भारतीय टीके पूरी तरह सुरक्षित
भारत सरकार की राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह की कोविड-19 उप-समिति के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की ओर से 2019 में लिए गए फैसले के आधार पर आपात स्थिति में टीकों या दवाओं के उपयोग के लिए विशेष व्यवस्था की जा सकी है। उन्होंने कहा कि टीकों को ऐसी मंजूरी देते समय तीन तरह के आंकड़ों की जरूरत होती है- सुरक्षा, प्रभाव और प्रतिरक्षा या बाहरी तत्वों से लड़ने की शक्ति (इम्यूनोजेनेसिटी)। किसी टीके के आपातकालीन उपयोग के लिए सिर्फ सुरक्षा और प्रतिरक्षा के आंकड़े पर्याप्त माने जाते हैं। यही पैमाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य है। इस आधार पर भारत के कोवैक्सीन और कोविशिल्ड दोनों टीके उपयोग के लिए उपयुक्त हैं।