Saturday, June 29, 2024
बस्ती मण्डल

गर्भवती को सुरक्षित करने के लिए उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों पर हुई जांच

संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा) गर्भवती को सुरक्षित करने के लिए जनपद की उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों पर गर्भवती की क्‍लीनिकल जांच की गई। इस दौरान उनके अन्‍दर उच्‍च जोखिम की गर्भावस्‍था का चिन्‍हांकन भी किया गया। साथ ही आवश्‍यक परामर्श भी दिया गया, ताकि गर्भावस्‍था के पूर्व व उपरान्‍त मातृ मृत्‍यु से बचा जा सके।

प्रधानमन्‍त्री सुरक्षित मातृत्‍व अभियान के तहत जनपद की कुल 10 उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों पर प्रधानमन्‍त्री सुरक्षित मातृत्‍व अभियान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान सुबह 8 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक गर्भवती की जांच की गई। इस दौरान सभी ब्‍लाक स्‍तरीय उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों पर महिलाओं की भीड देर शाम तक लगी रही। वहां पर गर्भवती की सीबीसी जांच, अल्‍ट्रासाउण्‍ड, रक्‍तचाप, मधुमेह व अन्‍य जांच की गई। साथ ही उनकी केस हिस्‍ट्री भी तैयार की गई। इस केस हिस्‍ट्री और जांच के आधार पर महिलाओं में एचआरपी और सामान्‍य गर्भवती महिलाओं को चुना गया। एचआरपी चिन्हित महिलाओं का उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों पर रेफर किया गया। मेंहदावल में सबसे अधिक 157 गर्भवती की जांच की गई। इसमें से 14 एचआरपी चिन्हित हुई। इसी तरह से कांशीराम आवासीय योजना में 5, मगहर में 3, सांथा में 13, हैसर में पांच एचआरपी चिन्हित किए गए।

एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा ने बताया कि जनपद में प्रधानमन्‍त्री सुरक्षित मातृत्‍व अभियान दिवस के अवसर पर 1000 से अधिक महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य की जांच की गई। इस दौरान जो महिलाए एचआरपी चिन्हित की गई हैं, उन महिलाओं को उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों पर रेफर किया गया है।

*काजल को है चिकित्‍सक पर भरोसा*

जांच के लिए ब्‍लाक स्‍तरीय पीएचसी बघौली पर आई धनखिरिया गांव की निवासी 5 माह की गर्भवती काजल पत्‍नी लालचन्‍द की जांच के दौरान वहां की चिकित्‍सक डॉ मनीषा शाही ने पाया कि उसे पूर्व में सी सेक्‍शन के जरिए बच्‍चा पैदा हुआ है। उन्‍होने उसकी हर प्रकार से जांच की सारी जांचे सामान्‍य आई लेकिन सी- सेक्‍शन खुद एचआरपी की एक श्रेणी है। उसे फर्स्‍ट रेफरल यूनिट को रेफर कर दिया गया। डॉ मनीषा का कहना है कि उसे जोखिम हो सकता है, इसलिए उसकी डिलिवरी किसी भी प्रथम संदर्भन इकाई में ही संभव है। वहीं काजल का कहना था कि चिकित्‍सक ने जो भी उचित समझा वह किया है। उसका पहला बच्‍चा भी आपरेशन से हुआ था।

*जनपद में बघौली सबसे आगे*

प्रधानमन्‍त्री सुरक्षित मातृत्‍व अभियान के तहत जनपद में 1200 महिलाओं की जांच का लक्ष्‍य रखा गया था। लेकिन पिछले माह तक केवल 740 गर्भवती की जांच हो पाई। कोविड काल के दौरान गतिविधियां शून्‍य रहीं। जनपद में 100 जांच के लक्ष्‍य से आगे बढ़ते हुए 214 गर्भवती का चेक अप किया। वहीं बेलहरकला इसमें सबसे निचले स्‍तर पर है।