Saturday, May 18, 2024
महिला जगत

संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है सकट चौथ*का व्रत – सोनिया

संतकबीरनगर।राजकीय कन्या इंटर कॉलेज खलीलाबाद संतकबीरनगर की व्यायाम शिक्षिका सोनिया ने सकट चौथ हिन्दुओं के इस त्योहार पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान गणेश जी, देवों के देव प्रथम देव भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है जैसे *सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विनायक, धूमकेतु, गणअध्यक्ष ,भालचंद, गजानंद* आदि।
गणेश चौथ को सकटचौथ, वक्रतुंडी चतुर्थी, माही व तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है।
यह अत्यंत शुभ होता है चतुर्थी का यह शुभ पर्व भगवान गणेश जी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश जी की विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन में आने वाले समस्त प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती हैं । इस दिन तिल और गुड़ से बनी चीजों को खाने की भी परंपरा है। इसलिए इसे तिलकुटा व्रत भी कहते हैं
यह त्यौहार बड़े ही प्रेम तथा आदर भाव के साथ मनाया जाता है तथा भगवान गणेश की उपासना, पूजा, आराधना करने से समस्त कष्टों का नाश होता है। माताएं अपने संतान के लिए इस व्रत को रखती हैं
चौथ का व्रत जीवन में सुख समृद्धि शांति लाता है
और यह व्रत संतान के लिए बहुत श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां द्वारा रखा जाने वाला या व्रत बच्चों की शिक्षा में आने वाली बाधा को दूर करने में भी सहायक होता है तथा इससे संतान पर गणेश जी की कृपा आशीर्वाद बना रहता है। यह व्रत निर्जला होता है तथा इसमें भगवान गणेश को तिल लड्डू, शकरकंद का भोग लगाया जाता है तथा चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही यह व्रत पूरा होता है
इस व्रत में पूजा विधि में बहुत सावधानी बरतनी होती है।
इसमें स्नान आदि करके साफ स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान गणेश की प्रतिमा को पवित्र गंगाजल से स्नान कराया जाता है तथा पूरे विधि विधान से गणेश जी की पूजा की जाती है और गणेश जी की मूर्ति के पास कलश में जल भरकर रखा जाता है । फिर उन्हें धूप, दीप, तिल, लड्डू चढ़ाया जाता है। सूर्यास्त के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है । सकट चौथ व्रत रखने से संतान को लंबी उम्र प्राप्त होती हैं और वह निरोग जीवन व्यतीत करते हैं
मैं भगवान गणेश यही प्रार्थना और कामना करती हूं कि* सभी के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, ऐश्वर्य आए और सभी प्राणी मात्र स्वस्थ व निरोग रहे ।
*भगवान गणेश*जी का आशीर्वाद तथा कृपा सदैव सभी पर बना रहे हैं।