Wednesday, July 3, 2024
साहित्य जगत

गणतंत्र दिवस की संध्या पर

संध्या है गणतंत्र का मन में लाओ हर्ष ।
अपने भारतवर्ष का करो सदा उत्कर्ष ।

बधों एकता सूत्र में करो न तुम अलगाव ।
“वर्मा” लाओ हृदय में देश – प्रेम का भाव।

“वर्मा” तुम कर्तव्य के प्रति नित रहो सतर्क ।
मानव मानव में करो लेश मात्र मत फर्क ।

जो शहीद इस देश के लिए हुए कुर्बान ।
अंतर्मन मन से दो उन्हें श्रद्धा औ सम्मान ।

संध्या है गणतंत्र का मन को करो विभोर ।
कर्मठता से ले चलो देश प्रगति की ओर ।

डॉ. वी. के. वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय बस्ती