दोस्त तेरे लिए बहुत सारी सजा सोची है,मैं
सोचता हूँ दोस्त इनमें से कौन सी सजा दूँ
मन करता है दोस्त तुझे दिल मे सजा दूँ
मन करता है दोस्त तुझे मन मंदिर में सजा दूँ
मन करता है दोस्त तुझे पलकों पे सजा दूँ
अब सोचा है तेरा अपराध बड़ा है मेरे दोस्त
तुझे उम्र भर के लिए सारी की सारी सजा दूँ,,
विपिन प्रधान
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