बाढ़ के दौरान ज्वर व दस्त प्रबन्धन के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार
– क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता को किया गया है विशेष रूप से प्रशिक्षित
संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा) जिले में घाघरा, राप्ती और कुआनों नदियों में आने वाली संभावित बाढ़ को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से सतर्क है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में ज्वर तथा दस्त प्रबन्धन की जानकारियों से संवेदीकृत टीम को तैनात रहने के लिए कहा गया है। साथ ही बाढ़ चौकियों के लिए भी टीम अलर्ट पर रखी गई हैं। यही नहीं कण्ट्रोल रुम की स्थापना भी कर दी गई है। इसमें 15 जून से लेकर 23 अगस्त तक 21 स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।
उक्त जानकारी देते हुए एसीएमओ डॉ. मोहन झा ने बताया कि बाढ़ के संबंध में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। हर तहसील क्षेत्र में प्रशासन के द्वारा बनाई जाने वाली बाढ़ चौकियों के सापेक्ष टीम बना दी गई हैं। हर टीम में चिकित्सा अधिकारी व एएनएम के साथ ही अन्य स्टॉफ को रखा गया है। साथ ही बाढ़ संभावित क्षेत्रों की आशा कार्यकर्ता को ज्वर प्रबन्धन व दस्त प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया गया है। मरीज को तात्कालिक राहत देने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं भी उनके पास हैं। अगर कहीं भी कोई बाढ़ जैसी स्थिति बनेगी तो इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को बताया गया है कि वह तुरन्त अपने अधीक्षक को इसकी जानकारी देंगी। साथ ही खुद भी क्षेत्र में सक्रिय हो जाएंगी। इन क्षेत्रों में जहां पर जल जमाव होता है वहां ब्लीचिंग के छिड़काव के साथ ही एण्टी लार्वल दवाओ का छिड़काव भी किया गया है। क्षेत्र में ओआरएस का वितरण भी किया गया है। यही नहीं जिला मलेरिया अधिकारी टीम के साथ निरन्तर इस क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। उनकी टीम लोगों को जागरुक भी कर रही है कि बाढ़ जैसी स्थितियों से कैसे निपटा जाएगा।
ज्वर व दस्त की दवा है आशा के पास
बाढ़ क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को ज्वर और दस्त की प्राथमिक दवाएं दी गई हैं। इन क्षेत्रों की हर आशा कार्यकर्ता के पास क्लोरीन टैबलेट, जिंक टैबलेट, ओआरएस, पैरासीटामाल की टैबलेट जैसी प्राथमिक दवाएं रखी गई हैं। विशेष रुप से प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ता लक्षणों को देखकर त्वरित लाभ के लिए इन दवाओं को देंगी और इसके बाद अस्पताल जाने की सलाह देंगी।
किसी भी स्थिति में मरीज को न रोकें
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता पूरी तरह से सतर्क रहें। किसी भी स्थिति में अगर कोई मरीज दस्त या बुखार से पीडि़त हो तो उसे प्राथमिक दवा दिलाने के बाद तुरन्त एम्बुलेन्स बुलवाकर सरकारी चिकित्सालयों में ही भेजें। किसी भी दशा में कहीं अन्यत्र चिकित्सालयों में मरीजों को भेजने का प्रयास कतई न करें। अगर मरीजों की संख्या बढ़ रही हो तो अपने क्षेत्र के अधीक्षक को तुरन्त फोन करके सूचना दें, ताकि वहां पर टीम भेजी जा सके।