Tuesday, June 4, 2024
बस्ती मण्डल

संयुक्त किसान आंदोलन के आवाहन पर बामपंथी जनसंगठनों ने सदर विधायक के आवास के सामने कृषि कानूनो की प्रतियां जलाई

बस्ती। संयुक्त किसान मोर्चा के 05 जून को सम्पूर्ण क्रांति दिवस मनाये जाने के देश व्यापी आंदोलन के आवाहन के क्रम में किसान, मजदूर,नौजवान, महिलाओ के संगठनों के प्रतिनिधियों ने भारतीय जनता पार्टी के सदर विधयक दयाराम चौधरी के आवासीय कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए किसान, मजदूर विरोध कानूनो की प्रतियों का दहन किया तथा 10 सूत्रीय मांग पत्र उनके न मिलने पर दीवाल पर चस्पा किया।
काले कृषि क़ानूनो सहित मजदूर विरोधी श्रम कानूनों में संसोधन, बिजली विधेयक 2020 रद्द करने की मांगों से संबंधित नारे लगाते हुए किसान सभा,सीटू, एटक,खेत मजदूर यूनियन,जनवादी नौजवान सभा एडवा के नेता व पदाधिकारियो ने न्यायमार्ग स्थित कार्यालय से जुलूस निकाल कर भजपा के सदर विधायक के आवासीय कार्यालय पर प्रदर्शन किया और काले क़ानूओ की प्रतियां फूंकी। विधायक के न रहने के कारण 10 सूत्रीय मांगपत्र जिसमे ,सम्पूर्ण व मुफ्त टीकाकरण, प्रत्येक को 10 किलो अनाज फ्री दिए जाने,गैर आयकरदाता परिवारों को 7500 रुपया प्रतिमाह दिए जाने की मांग शामिल रहे।
नेताओ ने आज के दिवस को तीन कारणों से महत्वपूर्ण बताया। पहला आज के ही दिन 1974 में जयप्रकश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति का नारा दिया था ,आज ही का दिन विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है किसान ही दिवस का प्रमुख सृजन कर्ता है और आज के ही दिन कृषि क्षेत्र के तीनों काले कानून बने थे ऐसे में 06 माह से ज्यादा समय से लगातार चल रहे किसान आंदोलन के लिए ऐतिहासिक है। केंद्र सरकार को अड़ियल रवैया छोड़ कर किसान नेताओ से वार्ता करने की पहल करनी चाहिए।
किसान सभा के नेता कामरेड राम गढ़ी चौधरी, सीटू नेता के के तिवारी, एटक नेता अशरफी लाल गुप्ता, खेत मजदूर यूनियन के नेता वीरेंद्र प्रताप मिश्र, जनौस नेता नवनीत कुमार यादव ,एडवा की नेता वंदना,रीना सहित, उर्मिला चौधरी,शेषमणि,हीरालाल,सुरेंद्र मोहन शर्मा,सुंदरी,राम अचल निषाद,मुन्नी देवी, शिव चरण निषाद,राम जी,बैज नाथ यादव, राकेश सहित दर्ज़नो ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
के नेतृत्व में किसान विरोधी काले कानूनों को वापस लिए जाने, एमएसपी की कानूनी गारंटी दिए जाने व प्रस्तावित बिजली विधेयक वापस लेने की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंच कर प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।