क्षय रोगी खोजी अभियान के दूसरे चरण में मिले 71 पाजिटिव
संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा)भारत से क्षय रोग को 2025 तक पूर्ण रुप से समाप्त करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे विशेष क्षय रोगी खोजी अभियान का दूसरा चरण पूरा हो गया है। ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों को लक्षित करके चलाए गए इस अभियान के दौरान कुल 71 व्यक्ति मिले जो क्षय रोग से पीडि़त मिले। इन सेम्पलों में से अभी बी सैम्पल की जांच होने के बाद यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस. डी. ओझा ने बताया कि 2 जनवरी से लेकर 12 जनवरी ग्रामीण व शहरी मलिन बस्तियों की 4 लाख की आबादी में क्षय रोगियों की खोज के लिए अभियान चलाया गया। इस अभियान में 80 टीमें काम कर रही थीं। इन टीमों ने मिलकर संभावित रोगियों के 470 सैम्पल एकत्रित किए। इन सैम्पलों की जांच में अब तक कुल 71 पाजिटिव मिले हैं। इन पाजिटिव के इलाज की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इनके डाट्स सेण्टर व डाट्स प्रोवाइडरों की नियुक्ति कर दी गई है। साथ ही इन्हें प्रतिमाह 500 रुपए पोषण भत्ते के लिए निक्षय पोर्टल पर उनका डाटा भी भर दिया गया है। ताकि इन्हें इलाज में कोई भी परेशानी न हो।
*एक रोगी मिला एचआईवी पाजिटिव*
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि क्षय रोगियों के सैम्पल्स की क्षय रोग से सम्बन्धित सीबीनाट जांच तो की ही जाती है, साथ ही उनकी एचआईवी जांच भी की जाती है। इस दौरान खलीलाबाद ब्लाक क्षेत्र का एक व्यक्ति ऐसा भी पाया गया जिसके अन्दर क्षय रोग के लक्षण थे। जब उसकी एचआईवी जांच की गई तो वह एचआईवी पाजिटिव भी पाया गया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल में एचआईवी के एआरटी सेण्टर भेजकर उसके इलाज की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है।
*प्रथम चरण में नहीं मिला था कोई रोगी*
इस अभियान का प्रथम चरण 26 दिसम्बर 2020 से 1 जनवरी 2021 तक चला था। इस दौरान अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, जेल तथा अन्य ऐसे स्थानों पर क्षय रोगियों की खोज की गई थी जहां टीमें नहीं पहुंचती हैं। इनमें जांच के दौरान कुल 48 लोगों के सैम्पल लिए गए थे। इनमें से कोई भी पाजिटिव नहीं आया।
*शुरु हुआ अभियान का तीसरा चरण*
क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने बताया कि रोगी खोजी अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत बुधवार को की गई। इसमें टीमों को अपने क्षेत्र के केमिस्ट, पैथालाजी लैब, प्राइवेट चिकित्सकों के यहां जाना है तथा उन्हें यह बताना है कि अगर उनके यहां कोई भी क्षय रोग से सम्बन्धित दवा लेने आए, किसी का इलाज चल रहा हो तो वे उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत कराएं। ताकि उन्हें बेहतर दवाएं मिलें तथा उनका इलाज करने के साथ ही उन्हें पोषण भत्ता दिलाया जा सके।