रविवार को 23 स्वास्थ्य इकाइयों पर लगेगा मुख्यमन्त्री आरोग्य मेला
संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा)घर के नजदीक ही बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री आरोग्य मेले की एक बार फिर शुरुआत होने जा रही है। कोविड-19 के कारण बीते मार्च में इस साप्ताहिक मेले का आयोजन स्थगित कर दिया गया था । 10 जनवरी को इस मेले का शुभारंभ जनपद में स्वास्थ्य मन्त्री जय प्रताप सिंह के कर कमलों से होगा स्वास्थ्य मेला जनपद की कुल 23 स्वास्थ्य इकाइयों पर लगेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविन्द सिंह ने बताया कि मुख्यमन्त्री के आदेश पर आगामी 10 जनवरी से जनपद के 21 ग्रामीण व 2 नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर हर रविवार सुबह 10 बजे से अपराह्न 04 बजे तक लगेगा । मेले में कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की समस्त जांचों को किया जाएगा। मेलों के प्रवेश द्वार पर भीड़ को नियंत्रित करने एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये जरूरत के अनुसार स्वैच्छिक संगठनों जैसे एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केन्द्र, युवक मंगल दल आदि के स्वयंसेवकों की सहायता भी ली जाएगी। जैसे भी दिशा निर्देश होंगे उनका अनुपालन किया जाएगा। मेले की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेले में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षकों की भी तैनाती कर दी गई है। सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्हा को मेला अधिकारी बनाया गया है।
*कोविड प्रोटोकाल के साथ मिलेंगी सारी सुविधाएं*
मेला प्रभारी डॉ ए के सिन्हा ने बताया कि 10 जनवरी से लगने वाले स्वास्थ्य मेले में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाएगा। मेलों के प्रवेश द्वार पर पल्स ऑक्सीमीटर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था सहित एक कोविड हेल्प डेस्क को सक्रिय किया जाएगा। स्क्रीनिंग के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा, सैनिटाइजेशन और मास्क अनिवार्य होगा। के साथ ही साथ कोविड प्रोटोकाल । मेले में आधारभूत पैथालॉजिकल जांच जिनमें विशेष रूप से रैपिड डायग्नोस्टिक किट आधारित जाँच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, दवाओं की उपलब्धता भी होगी। टीकाकरण तथा परिवार नियोजन के संसाधन भी मौजूद रहेंगे। कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन भी किया जाएगा। कोविड तथा क्षय रोग की भी जांच की जाएगी।
*7 स्वास्थ्य मेलों का हुआ था आयोजन*
मुख्यमन्त्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले के प्रभारी रहे डॉ ए के सिन्हा बताते हैं कि जिले में कुल 7 मुख्यमन्त्री आरोग्य स्वाथ्य मेलों का आयोजन किया गया था। इनमें 26700 मरीजों का इलाज हुआ था। साथ ही 575 गोल्डेन कार्ड भी बनाए गए थे। 240 मरीजों को इलाज के लिए उच्च स्वास्थ्य इकाइयों पर रेफर किया गया था। 140 कुपोषित बच्चों की जांच भी की गई थी तथा उनको आवश्यकतानुसार उचित देखभाल के लिए निर्देश दिए गए थे।