Friday, July 5, 2024
बस्ती मण्डल

भक्त के बस में होते हैं भगवान– सुरेंद्र प्रसाद पाठक

संतकबीरनगर(कालिन्दी मिश्रा)विकास खण्ड सेमरियावा क्षेत्र के ग्राम उमिला गांव के पूर्व प्रधान सुरेन्द्र पाठक पिछले 42 वर्षो से अपने गांव मे रामलीला मंच का आयोजन करते है | जिसमे अपने खुद ही रावण का रोल निभाते है |

ग्राम उमिला गांव मे रविवार की शाम को मिथिलांचल आदर्श बाल रामलीला एवं रासलीला मंडल अयोध्या धारा उमिला में रामलीला के आठवें दिन सीता हरण की लीला का का मंचन किया गया मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम लक्ष्मण व सीता के साथ चित्रकूट से चलकर पंचवटी में अपनी कुटिया बनाते हैं उसी समय रावण की बहन शूर्पणखा आकाश मार्ग से जा रही थी भगवान राम और लक्ष्मण को देखकर मोहित हो गई नीचे आकर लक्ष्मण से शादी करना चाह रही थी इस पर लक्ष्मण ने क्रोधित होकर शूर्पणखा के नाक और कान काट दिए रोती बिलखती शूर्पणखा अपनी भाई खर दूषण त्रिष्णा के पास पहुंचती है सूर्पनखा की यह हाल देख कर के तोनो भाई क्रोधित हो जाते हैं और भगवान राम और खर दूषण त्रिष्णा से भयंकर युद्ध होता है उसमें तीनो राक्षसों का संहार हो जाता है तत्पश्चात अपने तीनों भाई की हाल देख सूप नखा घबरा जाती है अपने भाई रावण के पास पहुंचती है सूर्पनखा की हाल देखकर रावण क्रोधित हो जाते हैं उसके बाद भगवान राम से बदला लेने के लिए रावण मामा मारीच को एक सुंदर मृग बनाकर कुटिया की तरफ भेज देते हैं सुंदर हिरण को देखकर माता सीता राम से कहती हैं कि हिरण बहुत सुंदर है इसकी मृग क्षाला से कुटिया की शोभा बनेगी सीता की बात मानकर भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम हिरण का पीछा करते हैं और माया रूपी मृग को जब भगवान राम का बाण लगता है तो हाय राम हाय राम की आवाज पुकारता है राम को दुखी देखकर माता सीता ने लक्ष्मण को तुरंत भेज देती हैं जाते-जाते लक्ष्मण ने कुटिया के चारों तरफ एक रेखा खींच देते हैं और कहते हैं कि जब तक हम नहीं आएंगे आप इस रेखा से बाहर मत जाना इस रेखा का उल्लंघन कर जो कुटी में आना चाहेगा वही भस्म हो जाएगा मौका पाकर रावण साधु का भेष बनाकर आता है और भिक्षा के बहाना माता सीता को रेखा से बाहर आने पर मजबूर कर देता है जैसे ही माता सीता रेखा से बाहर आती हैं रावण अपने पुष्पक विमान में बैठा कर लंका की ओर चला जाता है