Monday, July 8, 2024
बस्ती मण्डल

मलिन बस्तियों व उच्च जोखिम वाली आबादी में होगी टीबी मरीजों की खोज

बस्ती,मलिन बस्तियों व टीबी की दृष्टि से उच्च जोखिम आबादी वाले क्षेत्रों में टीबी के मरीजों की खोज की जा रही है। दो जनवरी से 12 जनवरी तक एसीएफ का दूसरा चरण संचालित किया जा रहा है। इस चरण में जिले की लगभग 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग कर संभावित मरीजों की टीबी की जांच कराई जाएगी।

एसीएमओ/जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल कन्नौजिया ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत इस बार अभियान का 27 वां चरण हैं। घर-घर टीम भ्रमण के दौरान अगर किसी में बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो उसका सैम्पल लेकर जांच कराई जाएगी।

डॉयबिटीज रोगियों की होगी जांच
जनपद के सभी चिन्ह्ति डॉयबिटीज रोगियों की टीबी की जांच कराई जाएगी। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया की नॉन कम्युनिकेबल डीजीज (एनसीडी) सेल तथा कोविड-19 के पोर्टल से डॉयबिटीज रोगियों का आंकड़ा प्राप्त करेंगे। उनके नाम व पते लिए जाएंगें। विभागीय टीम इनके घर पहुंचकर स्क्रीनिंग करेगी। अगर उनमें टीबी के लक्षण दिखते हैं तो जांच कराई जाएगी। रोग की पुष्टि होने पर इनका इलाज कराया जाएगा।

डीटीओ डॉ. कन्नौजिया ने बताया कि नॉन कम्युनिकेबल डिजीज की क्लीनिक का संचालन विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है, जहां पर अन्य रोग के साथ ही मधुमेह के मरीज का आंकड़ा भी इकट्ठा जमा किया जाता है। इसके अलावा जो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, उनमें से आवश्यकतानुसार मधुमेह की जांच कराई जाती है, जो कोविड पोर्टल पर अपलोड रहता है। दोनों जगहों से आंकड़े प्राप्त कर सभी मधुमेह मरीजों की जांच कराई जाएगी। इन सब का मकसद केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार 2025 तक देश से टीबी का खात्मा करना है।