Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

किसान नें तकनीकी के सहारे पाई उन्नति की राह

बस्ती। जनपद में इन दिनों कई किसान तकनीकी के जरिये खेती में अपनें तरक्की की कहानी लिख रहें हैं. इसी में एक नाम है रुधौली ब्लाक के पचारी कला के रहनें वाले प्रगतिशील किसान वृजेन्द्र बहादुर पाल का. वह खेती के साथ-साथ बागवानी, मछली पालन और सब्जियों की खेती के जरिये आमदनी को दोगुना करनें में सफल रहे हैं. वृजेन्द्र बहादुर पाल इनके साथ ही पारम्परिक फसलों को भी आधुनिक तरीके से कम लागत में उगाकर लाभ कमा रहें हैं.

ग्रामीण बैंक से रिटायर्ड वृजेन्द्र बहादुर पाल नें सरकारी नौकरी से फुर्सत पानें के बाद खेती से अपनें परिवार का किस्मत सवारनें का निर्णय लिया और अपनें पुरखों की जमीन पर आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकी को अपना कर खेती का काम शुरू किया. इसका परिणाम यह रहा की एक साल के भीतर ही उनकी खेती से आय दोगुनी हो गई.
वह पिछले पंद्रह वर्षों से सरसो, चना, लहसुन, मटर, सहित कई तरह की व्यावसायिक खेती कर रहें हैं. उन्होंने धान की एक नई प्रजाति की खोज भी की है जो धान की प्रचलित प्रजातियों की अपेक्षा न केवल ज्यादा पोषक है बल्कि इसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा भी कई गुना अधिक है. उन्होंने अपने इस नई प्रजाति के पंजीकरण के लिए सरकार के पास आवेदन भी कर रखा है.
इसके अलावा उन्होंने अपने खेत में गेहूं की बुआई सीडड्रिल से करके लागत में कमी लानें में भी सफलता पाई है. उनका कहना है की इससे फसल में खाद की समुचित मात्रा के साथ ही सिचाई लागत में भी कमी लाई जा सकती है. वह खेती से हर साल 8 लाख रुपये के करीब आमदनी कर रहे हैं. एकीकृत खेती कर रहे वृजेन्द्र अन्य किसानों को निशुल्क प्रशिक्षण भी देते हैं. इसके साथ ही वह किसानों को प्रमाणित बीज भी उपलब्ध कराने के साथ ही फसलों को की बिक्री के लिए बाजार भी उपलब्ध करा रहे हैं. इसमें उनके एफ.पी.ओ का सहयोग भी मिल रहा है.
उन्होंने बताया की उनके सिद्धार्थ प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के जरिये किसान तकनीक के साथ उन्नत खेती कर पा रहें हैं. उन्होंने कालानमक व बासमती सहित कई सुगन्धित प्रजातियों को व्यावसायिक लेवल पर उगा कर अपने आय के साथ ही इससे जुड़े किसानों की आय भी दोगुनी करनें में सफलता पाई है. वह अपने भतीजे के साथ मिल कर रामनगर ब्लाक में बड़े लेवल पर मछली पालन का काम भी कर रहें हैं.
वृजेन्द्र बहादुर पाल के पाल के खेती में सफलता को देखते हुए सरकार द्वारा जिला लेवल से लेकर राष्ट्रीय लेवल पर कई बार पुरस्कृत किया जा चुका है. हाल ही में बिहार के समस्तीपुर केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के हाथों में उन्हें सम्मानित किया गया.