Saturday, May 11, 2024
धर्म

ईस्टर के दिन प्रभु यीशु मसीह पुनर्जीवित हुए थे

Easter 2024: ईसाई धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक ईस्टर है। यह दिन बेहद खुशी का मौका होता है। गुड फ्राइडे के बाद आने वाले संडे यानी रविवार को ईस्टर मनाया जाता है। जहां गुड फ्राइडे ईसा मसीह के बलिदान व त्याग से जुड़ा दिन है तो वहीं ईस्टर ईसा मसीह के उद्धार की खुशखबरी का मौका है।

ईस्टर के मौके पर लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं। इस पर्व को धूमधाम से मनाते हुए एक दूसरे को बधाई देते हैं। ईस्टर को खास तरीके से मनाया जाता है। इस दिन लोग अलग अलग तरह के अंडों को सजाते हैं और एक दूसरे को तोहफे में अंडे देते हैं। , साथ ही ईस्टर पर अंडे तोहफे में देने का क्या महत्व है।

ईस्टर रविवार को मनाया जाता है। इस कारण इसे ईस्टर संडे भी कहते हैं। ईस्टर संडे गुड फ्राइडे के तीसरे दिन रविवार को मनाया जाता है। इस बार गुड फ्राइडे 29 मार्च को मनाया गया और ईस्टर 31 मार्च को मनाया जा रहा है।

गुड फ्राइडे क्यों मनाते हैं?

प्रभु यीशु प्रेम और शांति के मसीहा थे। वह दुनिया को करुणा, प्रेम का संदेश देते थे लेकिन रोम के शासक और कुछ धार्मिक कट्टरपंथियों को यह बात पसंद नहीं थी। इस कारण यीशु को शारीरिक यातनाएं देते हुए सूली पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन उनकी मृत्यु हुई उसे गुड फ्राइडे के तौर पर मनाया जाने लगा। जिसके तीन दिन बाद ईस्टर मनाने की भी खास वजह है।

क्यों मनाते हैं ईस्टर?

ईसा मसीह को जब सूली पर चढ़ाया गया तो उनके अनुयायी बहुत निराश हो गए। लेकिन तीन दिन बाद संडे के दिन ईसा मसीह पुनर्जीवित हो उठे। उन के पुनर्जीवित होने से अनुयायियों में खुशी की लहर दौड़ गई। इसलिए ईस्टर को खुशी के पर्व के तौर पर मनाते हैं। ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल के अनुसार, पुनर्जीवित होने के बाद यानी ईस्टर संडे के बाद 40 दिन तक ईसा मसीह पृथ्वी पर रहे। इस दौरान उन्होंने अपने शिष्यों को प्रेम और करुणा का पाठ पढ़ाया, बाद वे स्वर्ग चले गए।

ईस्टर में अंडों का महत्व

कुछ लोग ईस्टर के मौके पर अलग अलग तरह के अंडों को सजाते हैं और एक दूसरे को भेंट में अंडे देते हैं। ईस्टर में अंडे का विशेष महत्व है। दरअसल, ईसाई धर्म के लोग अंडे को नया जीवन और उमंग का प्रतीक मानते हैं, इसलिए अंडे के जरिये पर्व मनाते हैं।