Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

सम्पूर्ण ब्रह्मांड के साथ वशिष्ठ नगरी भी होगा राममय-आशिमा सिंह

बस्ती।आज जब सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड राममय हो रहा है तब हमारे लिए नितांत आवश्यक हो जाता है, उस स्थान के आत्म गौरव को जागृत करना जिसने राजा दशरथ को मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कर्तव्यनिष्ठ, तेजस्वी लक्ष्मण, धर्मनिष्ठ निस्वार्थ भरत एवं आज्ञाकारी शत्रुघ्न जैसे पुत्र दिये। कौशल्या, सुमित्रा एवं कैकेई को यहीं के अन्न, जल एवं फल ने वह शक्ति दी कि ऐसे तपस्वी एवं तेजस्वी बालकों को वे अपने गर्भ में धारण कर सकें।

यह बालक अपना बालकाल अयोध्या में बिता कर पुनः शिक्षा ग्रहण करने गुरु वशिष्ठ के पास इसी स्थान पर आये। बस्ती जनपद गुरु वशिष्ठ की तपोभूमि, वह स्थान है जिसके पास अयोध्या को न केवल संतति वरन उस संतति को शिक्षित करने का भी गौरव प्राप्त है।

उक्त बातें राजभवन में आयेजित प्रेस वार्ता के दौरान राजमाता आशिमा सिंह ने कहा कि यदि भारत को विश्व गुरु बनने का गौरव प्राप्त करना है तो प्रथम प्रणाम बस्ती नगर को करना होगा। परन्तु श्रद्धा की अपेक्षा करने के पूर्व हमें अपनी आत्म शक्ति को पुनः सुदृढ़ करना होगा और इस योग्य बनना होगा कि हम अपने सतकर्मों से विश्व को भौतिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान देने में समर्थ हो सकें।

उन्होंने कहा कि महाराज दशरथ ने ही नहीं, दशानन ने भी यहीं पर आकर तप किया और भदेश्वरनाथ का शिव लिंग स्थापित कर के भगवान शंकर से शक्ति मांगी।

राजमाता ने कहा कि जनक नन्दिनी को प्रभु इसी मार्ग से लेकर आये और अयोध्या में पदार्पन के पूर्व उन्होंने यहीं विश्राम किया। पवन पुत्र भी संजीवनी लेकर इसी द्वार से गये तथा लंकापति रावण से युद्ध का वृतांत उन्होंने भरत को यहीं सुनाया। कलयुग में अपने महिमा का आभास कराने के लिए यहीं के स्पन्दन ने सिद्धार्थ को आत्म बोध कराया, जिससे वह सांसरिक वैभव को त्याग, सत्य की खोज में निकल पड़े। राम के प्रताप को देखने के लिए कबीर वाराणसी छोड़कर प्राणोत्सर्ग करने यहीं आयें।

उन्होंने बताया कि 14 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक राजभवन उत्सव मना रहा जिसमे बस्ती जनपद के लोगो का सराहनीय योगदान मिल रहा है। ऐसा कुछ करना होगा कि कि बस्ती के राममय वातावरण की गूज रामनगरी अयोध्या तक पहुँचे।

आज हमारे लिये आवश्यक है कि हम अपने अलग-अलग समूहों को पुनः एक जुट कर प्राण प्रतिष्ठा के समय ऐसा शंखनाद करें कि हमारी आवाज अयोध्या तक पहुँचे और प्रभु को जड़ मूर्ति को जागृत करने के लिए बाध्य करें।

इसी उद्देश्य से हमने कार्यक्रम को 14 जनवरी से प्रारम्भ किया। शिव के रुद्राभिषेक एवं गौ पूजन के उपरान्त बच्चो के खेल एवं ज्ञानवर्धक चित्रकला एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया तथा 21 तारीख से हमारा अखण्ड रामचरित्र मानस पाठ प्रारम्भ हो जावेगा। हमें हर्ष है कि बस्ती की अधिकांश सामाजिक संस्थाएं एक जुट होकर कार्य कर रही हैं। विश्व हिन्दू महासंघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, चित्रांश व रोटरी क्लब, संस्कार भारती, मारवाड़ी महिला संघ, भारत विकास परिषद्, प्रगतिशील महिला मोर्चा, सत्संग की अलग-अलग कई टोलियों सब हमारे साथ हैं और हमने रात्रि मे दीप प्रज्वलन का कार्य प्रारम्भ कर दिया है, जो 21 तारीख से जोर पकड़ेगा।

22 तारीख को रामायण के समापन के उपरान्त 11 बजे दिन से हमारा सोहर गान एवं भजन व मंचन कार्यक्रम प्रारम्भ होगा तथा उसी समय गायत्री शक्ति पीठ से शोभा यात्रा निकलेगी जिसका राजभवन स्थित रामजानकी मन्दिर में भव्य स्वागत किया जावेगा और हम सब साथ मिलकर शंखनाद करेंगे। हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारी भक्ति आने वाली पीढ़ियों के लिये प्रेरणा स्रोत बनेगी।