Wednesday, July 3, 2024
धर्म

(सही मार्ग पर चलना सिखाती है भागवत आचार्य धरणीधर जी महाराज)

संतकबीरनगर।जितेन्द्र पाठक। बखिरा संत कबीर नगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा सच्ची और अच्छी राजनीति, धर्मनीति और युद्धनीति सीखनी हैं तो शास्त्रों से सीखें। जब से हम धर्मनिरपेक्ष हुए तभी से नुकसान भुगत रहे हैं। धर्म तो आत्मा है। जिसके त्याग से व्यक्ति मानवता निरपेक्ष हो जाता है। भारत ऐसे ही जगत गुरु नहीं था। व्यास पीठ से बैठक श्री धरणीधर जी महाराज ने धर्म से विमुख हुए जरासंध वध की कथा के माध्यम से भक्तों को यह बात बताई।

सच्ची मित्रता की व्याख्या
जहां सुदामा चरित्र के माध्यम से सच्ची मित्रता की व्याख्या की। सुदामा के बारे में बताते हुए कहा कि उनके पास ब्रह्म विद्या थी, इसलिए वह ब्राह्मण थे। श्रीहरि सुदामा के द्वारिका आने पर खुद उन्हें गोमती नदी पार कराने के लिए केवट बनकर नाव लेकर पहुंचे। कहा कि द्वार से भूखे व्यक्ति को लौटाने पर अन्नापूर्णा मां रुठ जाती हैं। द्वार पर आए भूखे को भोजन न कराने से भिक्षुक से साथ हमारे पुण्य चले जाते हैं। इसलिए कभी द्वार पर आए भूखे को खाली न जाने दें। गुरु की महिमा की व्याख्या करते हुए कहा कि गुरु सोई जो हरि भजवावे गुरु वही…। लेकिन, आज गुरु ही हरि बन गए हैं। आज के गुरु खुद को भगवान का अवतार बताते हैं। जो गुरु खुद को भगवान कहे वह गुरु नहीं श्वान है। जिस तरह हम किसी को अपना पिता या माता नहीं मान सकते, उसी तरह हर कोई भगवान नहीं हो सकता। जब से हम ग्रंथों से अलग हुए ठगों ने हमें ठगना शुरू कर दिया।

अंतिम दिन गृहस्थी का वर्णन
कथा के अंतिम दिन भगवान की गृहस्थी का वर्णन, जरासंध वध, शिशुपाल वध, यदुवंशियों को श्राप, भगवान का गोलोक गमन,कथा व्यास ने कहा कि कथा के श्रवण करने से जन्म-जन्मांतरों के पापों का नाश होता है और विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। कथा प्रवक्ता आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा कि संसार में मनुष्य को सदा अच्छे कर्म करना चाहिए, तभी उसका कल्याण संभव है। माता-पिता के संस्कार ही संतान में जाते हैं। संस्कार ही मनुष्य को महानता की ओर ले जाता है। श्रेष्ठ कर्म से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। अहंकार मनुष्य में ईष्र्या पैदा कर अंधकार की ओर ले जाता है। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र की लीला का भावपूर्ण वर्णन किया गया।परिक्षित के मोक्ष की कथा का वर्णन किया इस अवसर पर ध्रुव नारायण चौधरी, शुकदेव कसेरा,श्रवण पाठक,रजत कसेरा, ओमप्रकाश तिवारी, पवन कुमार कसेरा, जितेंद्र चौधरी, अशोक गुप्ता, अनिल मद्धेशिया, विनोद गुप्ता, राजेश सिंह ठीकेदार