Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

राजकीय महाविद्यालय में लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल को जयन्ती पर याद किया गया

‘-राष्ट्रीय एकता का महत्व और आवश्यकता- सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

रुधौली/बस्ती।(सचिन कुमार कसौधन) आज मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय, सेहमों बस्ती की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा मिशन शक्ति अभियान 4.0 के अन्तर्गत महाविद्यालय में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय के प्राचार्य डा० अतुल कुमार पाण्डेय द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं समस्त प्राध्यापकों द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। तत्पश्चात् राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ और समस्त छात्र-छात्राओं और स्वयंसेवक एवं स्वयं सेविकाओं को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलाई गयी।
इसी क्रम में एकता दौड़ का आयोजन किया गया जिसमें समस्त स्टाफ और छात्र-छात्राओं व स्वयं सेवक एवं स्वयं सेविकाओं ने बहुत ही जोश व उल्लास के साथ हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में महाविद्यालय में ‘राष्ट्रीय एकता का महत्व और आवश्यकता- सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डा० अतुल कुमार पाण्डेय ने किया। बीए तृतीय वर्ष की छात्रा अंजू कुमारी ने सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य डा० अतुल कुमार पाण्डेय ने अपने विचार व्यक्त किए, उन्होंने भारत की विविधता में एकता के महत्व को समझाया। डा० श्याम मनोहर पाण्डेय, डा० आनन्द कुमार पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किए।
डा० श्याम मनोहर पाण्डेय जी ने भारत की एकता में सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया की उन्होंने 562 देशी रियासतों को भारत में विलय कर मजबूत भारत की नींव डाली थी। डा० आनन्द पाण्डेय जी ने भारत की एकता के महत्व को बताते हुए इस बात पर जोर दिया की भारत की भौगोलिक एकता के साथ भावनात्मक एकता सबसे आवश्यक है। इस भावनात्मक एकता को मजबूत करने के लिए समानता, स्वतंत्रता और बन्धुत्व की ज़रुरत है।
शैलेन्द्र कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की एकता में संसाधनों का समान वितरण होना बेहद ज़रूरी है। असमान सम्पत्ति वितरण भारत की एकता में बाधक है।
इस कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन कार्यक्रम अधिकारी रिज़वान अहमद ने किया। इस अवसर पर डा० प्रीति वर्मा, मोहित सोनी, डा० कृष्णकान्त मिश्र, परमानन्द सिंह, विमल कुमार श्रीवास्तव, कमलेश कुमार, वीरेन्द्र कुमार रिंकू सचिन कुमार कसौधन आदि उपस्थित रहे।