Tuesday, December 3, 2024
हेल्थ

सरकारी तंत्र में उपलब्ध हैं डेंगू जांच और इलाज की सभी सुविधाएं

गोरखपुर, 08 सितम्बर 2023। सरकारी तंत्र में सरकारी प्रावधानों के तहत डेंगू की जांच और इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं । इस बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि समय से जांच करवा कर इलाज कराने की जरूरत है । इसका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर भी संभव है। डेंगू के अति गंभीर मरीजों के लिए जिला अस्पताल में भी सुविधाएं मौजूद हैं । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी ।

उन्होंने बताया कि समय से पहचान हो जाने पर डेंगू मरीज को भर्ती करने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है और वह घर पर रह कर इलाज करवाते हुए ठीक हो जाता है । अगर तेज सिरदर्द के साथ बुखार हो, आंखों के पीछे तेज दर्द हो, मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द हो, जी मिचलाए व उल्टी आए, नाक, मुंह या मसूड़ों से खून आए और त्वचा पर चकत्ते दिखें तो यह डेंगू के लक्षण हैं । एनएस वन रैपिड किट के जांच की सुविधा सभी सीएचसी और पीएचसी पर उपलब्ध है । डेंगू के कारण शुरूआती पांच दिन में होने वाले बुखार की स्थिति में रैपिड किट से जांच से बीमारी का पता आसानी से चल जाता है । डेंगू के प्रत्येक
मरीज के लिए अलाइजा जांच भी अनिवार्य है, जिसकी सुविधा जिला अस्पताल और रिजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) गोरखपुर में उपलब्ध है । छठवें दिन से 10वें दिन के बुखार की स्थिति में अलाइजा जांच से डेंगू की पुष्टि हो
जाती है ।

डॉ दूबे ने बताया कि डेंगू के प्रारंभिक लक्षण दिखते ही निकटम स्वास्थ्य केंद्र से जांच करवा कर इलाज करवाने व बेड रेस्ट करने से यह आसानी से ठीक हो जाता है। जांच न होने की स्थिति में जब बुखार छठवें से आठवें दिन में पहुंचता है तो खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे मरीज भी समय से अस्पताल आएं तो भर्ती कर ठीक हो जाते हैं । शरीर में चकत्ते आना
या नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना डेंगू के खतरनाक लक्षण हैं और ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती करना अनिवार्य है । इस
बीमारी के प्रत्येक मरीज को प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है । जिन मरीजों में प्लेटलेट का स्तर 25000 से नीचे
जाने लगता है, उन्हें ही इसकी आवश्यकता है । जिला अस्पताल में ब्लड सेपरेटर यूनिट है और प्लेटलेट की सुविधा भी
उपलब्ध है।

*उपलब्ध हैं सुविधाएं*

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में बीस बेड का डेंगू वार्ड बना है। सीएचसी व पीएचसी पर 104 बेड की सुविधा वाले ईटीसी व मिनी पीकू भी उपलब्ध हैं जहां हाई ग्रेड फीवर के रोगियों का इलाज होता है। इन
स्थानों पर भी डेंगू मरीजों को भर्ती कर सकते हैं। जिला स्तर पर 17 बेड का पिकू भी है । इन सुविधाओं की आवश्यकता अति गंभीर मरीजों के लिए ही है। ज्यादातर मरीज घर से ही ठीक हो जाते हैं ।

*ऐसे होगा डेंगू से बचाव*

 सोते समय हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें
 दिन में भी पूरे बांह के कपड़े पहने
 घर में कही भी साफ पानी जमा न होने दें
 पुराने टायर, डिस्पोजल कप, कबाड़ में पानी जमा न होने दें
 पानी के बर्तन व टंकी को ढक कर रखें
 कूलर, फूलदान व पशु पक्षियों के पानी पीने के बर्तन को नियमित साफ करें