Thursday, July 4, 2024
बस्ती मण्डल

रामलीलाः श्रीराम की शरण में आये विभीषण, मूर्छा से जागे लक्ष्मण

बस्ती। सनातन धर्मी संस्था और श्री रामलीला महोत्सव आयोजन समिति की ओर से अटल बिहारी वाजपेई प्रेक्षागृह में चल रहे श्रीराम लीला के नौवें दिन बुधवार की रात गणेश वंदना एवं श्री राम जी की आरती के साथ श्री रामलीला महोत्सव का शुभारंभ हुआ। विभीषण शरणागति, सेतुबंध, रामेश्वर स्थापना, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण जी को शक्ति लगना, श्री हनुमान जी का संजीवनी बूटी लेने द्रोणागिरि पर्वत प्रस्थान, कालनेमि वध, हनुमान भरत संवाद व लक्ष्मण जी की मूर्छा भंग के प्रसंग का मंचन किया गया। भावपूर्ण दृश्य देखकर लोग भावुक हो गए।

कथा व्यास कृष्ण मोहन पाण्डेय व विश्राम पाण्डेय ने कथा सूत्र को विस्तार देते हुए बताया कि जब विभीषण ने रावण को समझाया कि राम से बैर त्याग कर सीता माता को वापस राम के पास भेजो तो रावण ने क्रोध में आकर विभीषण को लात मार कर लंका से भगा दिया तब विभीषण राम जी की शरण में आकर अभय हो गया। आगे की लीला में वानरों की सेना समुद्र के पास पहुंची और समुद्र पर नल और नील के साथ समुद्र पर सेतु बांधा। राम जी ने शिव जी की विधिवत पूजन कर रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की और वानरों की सेना के साथ सुग्रीव, हनुमान, जामवंत, रामजी और लक्ष्मण के साथ समुद्र पार कर सुमेर पर्वत पर डेरा डाला। इसके बाद लीला में अंगद रावण संवाद का मंचन किया। जब रावण ने अंगद के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया तब युद्ध घोषणा होती है, युद्ध मे रावण के पुत्र मेघनाद व लक्ष्मण में घमासान युद्ध होता है, जब मेघनाथ युद्ध में लक्ष्मण से विजय प्राप्त नही कर पा रहा था तब मेघनाथ ने ब्रह्मशक्ति का प्रहार लक्ष्मण के ऊपर किया। लक्ष्मण के मूर्छित होने से सम्पूर्ण रामादल शोकग्रस्त हो गया। सुखेन वैध के बताने पर हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आए और लक्ष्मण का उपचार किया गया। श्री धनुषधारी आदर्श रामलीला मण्डल अयोध्या से आये कलाकारो द्वारा बहुत ही मार्मिक ढ़ंग से रामलीला का मंचन किया गया। लीला में प्रभु राम की भूमिका आनन्द तिवारी ने, लक्ष्मण की राजा बाबू पाण्डेय ने, माता सीता की मोनू पाण्डेय ने, हनुमान की रामचन्द्र शास्त्री ने, सुग्रीव की प्रेम नारायण मिश्र ने, अंगद की दीपक झा ने, रावण की उमेश झा ने, मेघनाथ की ज्ञानचंद पाण्डेय ने, विभीषण की रमेश कुमार पांडेय ने भूमिका निभाई। पात्र संरक्षक विश्राम पाण्डेय के निर्देशन में लीला के मंचन में गुरूवार को कुम्भकरण वध, मेघनाथ वध, सुलोचना विलाप, अहिरावण वध और राम रावण युद्ध की लीला का मंचन किया जाएगा। अंत मे रावण वध के बाद भरत मिलाप व रामराज्यभिषेक के साथ दस दिवसीय मंचन का समापन होगा।
कार्यक्रम का संचालन पंकज त्रिपाठी ने किया। दर्शकों में विवेक मिश्रा, रमेश सिंह, सुभाष शुक्ल, अखिलेश दूबे, आमोद, उपाध्याय, बृजेश मिश्र, अंकुर वर्मा, बृजेश सिंह मुन्ना, आशीष शुक्ल, अनुराग शुक्ल, विनोद शुक्ल, आई.पी. पाण्डेय राहुल त्रिवेदी आदि शामिल रहे।