Sunday, May 19, 2024
धर्म

देवाधिदेव अपने भक्तों को ढूूंढ लेते हैं, पंचदेवों में प्रधान हैं महादेव-आचार्य महेश पाठक

बस्ती। जिस तरह पक्षी हजारों फलों में मीठा फल ढूंढ लेता है, उसी तरह देवाधिदेव भी अपने भक्तों को ढूूंढ लेते हैं। मां पार्वती और भोले के रसत्व में जितना डूब सकते हैं, उतना डूब जाओ। सनातन धर्म चेतना चेरीटेबल ट्रस्ट की ओर से अमहट घाट स्थित शिवमंदिर परिसर में आयोजित 7 दिवसीय शिवमहापुराण कथा व सामूहिक रूद्राभिषेक के तीसरे दिन कथा व्यास आचार्य महेश पाठक ने कहा कि भगवान शिव पौराणिक देवता ही नहीं,बल्कि पंचदेवों में प्रधान है..अनादि सिद्ध परमेश्वर हैं । यही कारण है कि भगवान शिव निगमागम समेत सभी शास्त्रों में महिमामण्डित महादेव ही हैं।
व्यास पीठ से शिव पुराण की महिमा पर प्रकाश डालते हुये आचार्य महेश पाठक ने कहा कि देवर्षि नारद के प्रश्न और ब्रह्मा जी के उत्तर पर ही शिव महापुराण की रचना हुई है। चारों वेद और सभी पुराण, शिवमहापुराण से तुलना संभव नहीं है। प्रभू शिव की आज्ञा से विष्णु के अवतार वेदव्यास ने शिवमहापुराण को 24672 श्लोकों में संक्षिप्त किया है। शिवमहापुराण पढते समय जो ज्ञान प्राप्त होता है यदि उसे व्यवहार में लाया जाए तो जीवन धन्य हो जाए।
आयोजक राजेश कुमार मिश्र और अपूर्व शुक्ल, सिद्धार्थ शंकर मिश्र, अरूण भारती ने विधि विधान से कथा व्यास का पूजन किया। कथा स्थल पर प्रतिदिन दिन में 9 बजे से सामूहिक रूद्राभिषेक किया जा रहा है।
कथा श्रवण करने वालों में मुख्य रूप से लल्लू पाण्डेय, अपूर्व शुक्ला, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, रेखा चित्रगुप्त, संध्या दिक्षित, अर्चना श्रीवास्तव, संध्या मिश्रा, सोनी, ममता पाठक, अर्पणा मिश्रा, शिवेश, शिवेश शुक्ला, प्रमोद पाण्डेय, विशाल पाण्डेय, महेन्द्र सिंह, अनिल कुमार यादव, सूरज यादव, बलराम प्रजापति, विशाल मिश्रा, सौरभ बोस, विजय कुमार, विजय कन्नाजिया, आशीष, लक्ष्मी, चन्द्रावती, प्रभावती, मंजू, अंजू, शशि, ज्योति, मुराती के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।