Sunday, June 30, 2024
बस्ती मण्डल

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का हिस्सा बना सरस्वती विद्या मंदिर रामबाग।

मां दिन के हर काम का टाइम मैनेजमेंट का सबसे अच्छी सीख : प्रधानमंत्री।

बस्ती। सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रामबाग के वन्दना सभागार में शुक्रवार (27 जनवरी 2023) को माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा ‘ 2023 का लाइव प्रसारण प्रोजेक्टर के माध्यम से देखा गया।

ऑनलाइन माध्यम से विद्यालय के उप प्रधानाचार्य श्री विजय प्रताप पाठक जी ने सभी भैयाओं, आचार्यों, कर्मचारियों के साथ बैठकर कार्यक्रम हिस्सा बने।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि यदि हम अपने सामर्थ्‍य पर ध्‍यान देते हैं, ताे तनाव नहीं होता। जीवन के स्‍टेशन में एक ट्रेन छूट गई तो दूसरी आएगी। कोई भी एग्‍जाम जीवन का अंत नहीं होता। हमें तनाव से मुक्ति का संकल्‍प लेना होगा। परिणाम के तनाव को मन में लेने की जरूरत नहीं है।
साथ ही उन्होंने विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा की स्‍टूडेंट को घर के दायरे में रखना अच्‍छी बात नहीं। 10वीं-12वीं के एग्‍जाम के बाद बच्‍चे को कम से कम 5 दिन के लिए घूम के आओ। बच्‍चे को हिम्‍मत के साथ बाहर भेजो। बच्‍चा बहुत कुछ सीख कर आएगा। बच्‍चे को कुछ पैसे दें और सब समझाकर बाहर भेजें। स्‍कूल में जो बच्‍चा अच्‍छा करता है उससे मिलने के लिए भेजना चाहिए। ये करना चाहिए, वो नहीं करना चाहिए… ये सब नहीं करना चाहिए।

पीएम ने कहा, हमारे शिक्षक बच्‍चों के साथ जितना अपनापन बनाएंगे, उतना बेहतर है। स्‍टूडेंट जब कोई सवाल पूछता है तो वह आपकी परीक्षा नहीं लेना चाहता, यह उसकी जिज्ञासा है। उसकी जिज्ञासा ही उसकी अमानत है। किसी भी जिज्ञासु बच्‍चे को टोकें नहीं। अगर जवाब नहीं भी आता है तो उसे प्रोत्‍साहित करें कि तुम्‍हारा प्रश्‍न बहुत अच्‍छा है। मैं अधूरा जवाब दूं तो यह अन्‍याय होगा। इसका जवाब मैं तुम्‍हें कल दूंगा और इस दौरान मैं खुद इसका जवाब ढ़ूंढूंगा। अगर शिक्षक ने कोई बात बच्‍चे को गलत बता दी, तो यह जीवनभर उसके मन में रजिस्‍टर हो जाएगा। इसलिए समय लेना गलत नहीं है, गलत बताना गलत है
उन्होंने कहा की भारत विविधताओं से भरा देश है। हमारे पास सैंकड़ो भाषाएं है। ये हमारी समृद्धि है, कम्‍यूनिकेशन एक बहुत बड़ी शक्ति है। जैसे हम सोचते हैं प्‍यानो या तबला सीखूं, तो ऐसे ही अपने पड़ोस के किसी राज्‍य की भाषा भी सीखनी चाहिए।

पीएम मोदी ने बच्‍चों से कहा कि हमारे आरोग्‍य शास्‍त्र में फास्टिंग का मंत्र है। बदलते समय में अब हमें डिजिटल फास्टिंग की जरूरत है। अब हम देख रहे हैं कि एक ही घर में मां, बाप, बेटा सब अपने अपने मोबाइल में व्‍यस्‍त रहते हैं। पहले लोग यात्रा करते समय गप्‍पे मारते थे, मगर अब मोबाइल में लग जाते हैं। आपको अपने घर में भी एक एरिया तय करना चाहिए जिसे नो टेक्‍नोलॉजी जोन कहा जाए।

पीएम मोदी ने कहा कि हमें यह खुद समझना चाहिए कि हमें गैजेट्स का गुलाम नहीं बनना है। हमें टेक्‍नोलॉजी या गैजेट्स से भागना नहीं है, उसे अपनी जरूरत के अनुसार इस्‍तेमाल करना है। सोशल मीडिया से भटके बिना पढ़ाई करने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि आप स्‍मार्ट हैं या गैजेट स्‍मार्ट है? अगर आप खुद को गैजेट से ज्‍यादा स्‍मार्ट मानेंगे तो गैजेट का सही इस्‍तेमाल कर सकेंगे।

पीएम ने कहा, क्‍या आपने आपने कभी अपनी मां के काम को ऑब्‍जर्व किया है? मां दिन के हर काम का टाइम मैनेजमेंट सबसे अच्‍छी तरह से करती है। मां के पास सबसे ज्‍यादा काम होता है, मगर उसका टाइम मैनेजमेंट इतना अच्‍छा होता है कि हर काम समय पर होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार एक व्‍यक्ति की गाड़ी खराब हो गई। वह घंटो धक्‍का लगाता रहा मगर गाड़ी स्‍टार्ट नहीं हुई। उसने एक मैकेनिक को बुलाया जिसने 2 मिनट में गाड़ी ठीक कर दी और 200 रुपये का बिल बना दिया। व्‍यक्ति ने कहा कि 2 मिनट के काम के 200 रुपये कैसे। मै‍केनिक ने कहा कि 200 रुपये 2 मिनट के नहीं, 20 साल के अनुभव के हैं।

वहीं, कार्यक्रम के अंत में उप प्रधानाचार्य जी ने भी समस्त विद्यालय परिवार का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ‘परीक्षा पर चर्चा-2023’ कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री जी ने आज जो-जो महत्वपूर्ण बातें बताईं , हम उनका अनुसरण अपने जीवन और इस आगामी परीक्षा में जरूर करें, सभी छात्रों को इससे बहुत लाभ होगा। इस कार्यक्रम में सभी भैयाओं तथा आचार्य बंधुओं ने मनोयोगपूर्वक भाग लिया।
इस कार्यक्रम में राजीव कुमार श्रीवास्तव, अश्वनी कुमार पाण्डेय, अंकित कुमार गुप्ता, दीपक चौधरी आदि उपस्थित रहे।