Tuesday, July 2, 2024
साहित्य जगत

लाख दीपक जलायेगे….

लाख दीपक जलायेगे
नगरी अयोध्या में
प्रभु श्रीराम आयेंगे
नगरी अयोध्या में
वो त्रेतायुग कलयुग में
फिरसे जगमगायेगा
दिवाली की रोशनी में
तीर सरयू नहायेगा
राम की नगरी में आकर
सारे गम भूल जायेंगे
यही दुनिया सुनाएगा
यही भारतीय गायेगा
लगे हर हर के नारे तो
समझ हर मौन जायेगा
धर्म की आन पे लड़ना
सदा हर वीर चाहेगा
सनातन सत्य है माने
अनेकों ग्रंथ से जाने
नहीं गर राह कीचड़ तो
कमल फिर खिल न पायेगा
पूजते देवता को नर
पूजते शक्ति को घर घर
पूज लो तुम भी ईश्वर को
वही बस काम आयेगा

सरिता त्रिपाठी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश