Monday, July 1, 2024
बस्ती मण्डल

सांसद ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान का किया आगाज

– सांसद व डीएम ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

बस्ती, 1 अक्टूबर 2022। एक माह तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह का आगाज शनिवार को हुआ। अभियान का शुभारंभ सांसद हरीश द्विवेदी व डीएम प्रियंका निरंजन ने जागरूकता वाहन रैली को हरी झंडी दिखाकर व फीता काट कर किया। वहां मौजूद लोगों को डीएम ने शपथ दिलाई। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग सहित 12 विभाग मिलकर काम करेंगे। जिले के हाईिरस्क गांव पर टीम की विशेष नजर होगी। स्वच्छता अभियान चलाने के साथ ही लोगों को मच्छर, चूहा, छछूंदर से फैलने वाले रोग के प्रति जागरूक भी किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि अभियान के दौरान नालियों और झाड़ियों की साफ-सफाई, मच्छरों पर नियंत्रण, सुकरबाड़ों और पशुबाड़ों के स्वच्छता की जानकारी, बुखार के रोगियों को चिन्हित कर जांच व उपचार, स्वच्छ पेयजल के विषय में जनजागरूकता, क्लोरिन की गोलियों का वितरण, कुपोषित बच्चों की पहचान व संदर्भन, स्कूली बच्चों में संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता की गतिविधियां संचालित की जानी है।
किसी प्रकार का बुखार हो तो तत्काल अस्पताल में दिखाएं। मरीज को अस्पताल तक ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा का प्रयोग करें।

यह विभाग है अभियान में रहेंगे शामिल
डीएमओ ने बताया कि अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आईसीडीएस, ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम अथवा शहरी विकास, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, स्वच्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग सक्रिय हिस्सेदारी निभाएंगे।

हाई रिस्क गांवों पर होगी विशेष नजर
आइए अंसारी ने बताया कि हाई रिस्क गांवों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाएगी। यह ऐसे गांव हैं जहां कभी दिमागी बुखार से मृत्यु हुई है, अथवा तीन साल के भीतर कोई केस सामने आया है। ऐसे गांवों में सभी विभाग प्राथमिकता के साथ अपनी भूमिका निभाते हैं। अभियान के दौरान सहयोगी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) और पॉथ की विशेष भूमिका रहेगी ।

अभियान के मिल रहे हैं अच्छे परिणाम
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। डीएमओ ने बताया कि वर्ष 2018 में 26 गांव हाईिरस्क में रहे हैं, जिनकी संख्या लगातार कम हो रही है। वर्ष 2019 में 14, वर्ष 2020 में 12 हो गई। इस समय छह गांव हाईिरस्क वाले चि्ह्तित हुए हैं, जिस पर नजर रखी जा रही है। जिले में एईएस/जेई से होने वाली जनहानि में भी काफी कमी देखी जा रही है।