Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

महज 200 की रसीद पर हुआ 30 हजार रुपए का ऑपरेशन

– जिला अस्पताल में पहली बार हुई टिम्पैनोप्लास्टी सर्जरी

बस्ती। टिम्पैनोप्लास्टी (कान के पर्दे में छेद की सर्जरी) फिर से जिला अस्पताल में भी होने लगी है। हुआ। कान की समस्या से महीनों से जूझ रहे मजदूर और इस सेवा के पहले लाभार्थी को यह ऑपरेशन कराने के लिए जिला अस्पताल में महज 200 रुपए की रसीद कटानी पड़ी, बाकी सुविधाएं पूरी तरह नि:शुल्क थी। प्राइवेट अस्पताल में इसी ऑपरेशन का खर्च 30-35 हजार रुपए तक आता है। कान के पर्दे में छेद हो जाना एक आम समस्या हो चुकी है। अभी तक इसके ऑपरेशन के लिए मरीज को मेडिकल कॉलेज या प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ता था।
नगर थाना क्षेत्र के बारीजोत निवासी साजन(23) पुत्र अंबिका मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि लगभग छह माह से कान में सनसनाहट, कान में दर्द, बहने की समस्या व कान से कम सुनाई देने की समस्या से परेशान थे। कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन सभी जगह यह सलाह दी गई कि किसी अच्छे अस्पताल में इलाज कराएं। अच्छे अस्पताल में इसके ऑपरेशन के लिए 30-35 हजार का खर्च बताया जा रहा था, जो वहन करना उनके लिए संभव नहीं था।
साजन ने जिला अस्पताल में ईएनटी सर्जन डॉ. एके मल्ल को दिखाया तो उन्होंने बताया कि इसका ऑपरेशन यहीं अस्पताल में होगा। केवल 200 रुपए की रसीद कटा लें, । बाकी किसी तरह का खर्च नहीं आएगा। शनिवार को मरीज के कान के पर्दे के छेद का ऑपरेशन हुआ। छह घंटे बाद घर जाने को कहा गया। तीन दिन बाद दोबारा बुलाया गया है। बताया गया कि पूरी तरह से ठीक होने में तीन माह का समय लग सकता है। नियमित रूप से जांच कराने की सलाह दी गई है। डॉ. मल्ल ने बताया कि यह समस्या आम है, लेकिन ज्यादा समय बीत जाने पर गंभीर हो सकती है। मरीज का सफल ऑपरेशन हुआ है, वह पूरी तरह ठीक है।

12 साल बाद जिला अस्पताल में हुआ ऑपरेशन
जिला अस्पताल में कान के पर्दे में छेद का ऑपरेशन लगभग 12 साल बाद दोबारा हुआ है। इससे पूर्व यहां तैनात रहे ईएनटी सर्जन डॉ. रामकेवल ने चार ऑपरेशन किए थे, बाद में ऑपरेशन में प्रयोग आने वाला माइक्रोस्कोप खराब हो गया। एसआईसी डॉ. आलोक वर्मा के संज्ञान में बात आने पर उन्होंने नया माइक्रोस्कोप उपलब्ध कराया हैं। इसके बाद दोबारा यह सुविधा मिलने लगी है। डॉ. मल्ल का कहना है कि कान के पर्दे के छेद की समस्या आम है। एक महीने में 10-15 ऑपरेशन आसानी से हो सकेगा। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. मल्ल के अलावा डॉ. एसएस कन्नौजिया, सिस्टर संध्या पटेल, कन्यवाती पांडेय, ऑडियोलॉजिस्ट अंकित सिंह, वार्ड ब्वॉय नितेश शामिल रहे।

यह होता है समस्या का मुख्य कारण
– लंबे समय तक सर्दी-जुकाम रहना।
– कान पर किसी चीज से गहरी चोट पहुंचना।
– कान के अंदर किसी नुकीली चीज से खुजलाने पर।
– कान में अचानक तेज ध्वनि होने पर