Monday, July 1, 2024
बस्ती मण्डल

राष्ट्रीय खेल दिवस पर पारंपरिक खेलों का हुआ आयोजन

सिद्धार्थनगर – अपने हॉकी के कैरियर अंग्रेजो के खिलाफ एक हजार से अधिक गोल दागने वाले मेजर ध्यानचंद ने वर्लिन जैसी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ हॉकी टीम को 8-1 से ओलंपिक में हराकर हिटलर जैसे तानाशाह को अपना मुरीद बना लिया था। यह पहला अवसर था जब हिटलर ने उनसे प्रभावित होकर उन्हें *हॉकी का जादूगर* कह कर पुकारा था।
उक्त बातें विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री राकेश मणि त्रिपाठी ने कही। वह अपने विद्यालय रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज तेतरी बाजार में मेजर ध्यानचंद की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
आगे उन्होंने कहा भारत की आजादी से पूर्व हुए ओलंपिक खेल में सर्वश्रेष्ठ हाकी टीम जर्मनी को 8-1 से हराने के बाद जर्मन तानाशाह हिटलर ने मेजर ध्यानचंद को अपनी सेना में उच्च पद पर आसीन होने का प्रस्ताव दिया था लेकिन तब हिटलर के इस प्रस्ताव को ठुकरा कर मेजर ध्यानचंद ने भारत और भारतीयों की सीना को सदा- सदा के लिए चौड़ा कर दिया। शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री राजेश कुमार सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा खेल को समर्पित ध्यानचंद जी का जीवन हमें बताता है कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी अपने परिश्रम व समर्पण से विश्व पटल पर माँ भारती का गौरव कैसे बढ़ाया जा सकता है।
उनकी उपलब्धियां भारतीय खिलाड़ियों को शीर्ष तक पहुँचने के लिए सदैव प्रेरित करती रहेंगी। गणित के प्रवक्ता श्री निमिष शुक्ल ने भी मेजर ध्यान चंद्र के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मेजर ध्यानचंद जी के चित्र पर पुष्पार्चन व माल्यार्पण कर किया गया। पारंपरिक खेलों गोली (कंचा), लंगड़ी टांग गिल्ली डंडा, धूप छांव, जल थल ,लागोरी तथा कबड्डी जैसे खेलों का भी आयोजन किया गया ।कार्यक्रम का संचालन श्री दिलीप श्रीवास्तव ने किया। उक्त अवसर पर समस्त भैया बहनों एवं आचार्य बंधुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।