Tuesday, July 2, 2024
हेल्थ

किशोर – किशोरियों को दिया गया सेहतमंद रहने का संदेश

गोरखपुर। महानगर के हुमायूंपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर 50 किशोर-किशोरियों को सेहतमंद रहने का संदेश दिया गया। उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में भी जानकारी दी गयी । केंद्र पर सोमवार को हुए आयोजन में शहरी स्वास्थ्य मिशन की मंडलीय समन्वयक प्रीति सिंह, जिला समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, किशोर स्वास्थ्य सलाहकार डॉ अर्चना और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ एके वर्मा ने कई प्रमुख जानकारियां और अहम संदेश दिये । आयोजन में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल(पीएसआई) इंडिया व ब्रेक थ्रू संस्था ने सहयोग किया ।

दिग्विजयनगर की 18 वर्षीया किशोरी जाकिया ने बताया कि आयोजन में उन्हें निःशुल्क सेनेटरी पैड व आयरन-फोलिक की गोलियां भी दी गयीं । उन्होंने बताया कि पाठ्य पुस्तकों में मासिक धर्म स्वच्छता से संबंधित जो बातें पढ़ने को मिली थीं वह इस मौके पर भी जानने को मिलीं । उन्हें इस आयोजन में शामिल होने के लिए पीएसआई इंडिया की प्रतिनिधि रेखा ने प्रोत्साहित किया था। उन्हें बताया गया कि आयरन फोलिक की गोलियां एनीमिया से बचाने में मदद करती हैं और इनका सेवन साप्ताहिक तौर पर किया जाना चाहिए। स्वस्थ किशोरी ही स्वस्थ मां बन सकती है । मासिक धर्म के दौरान व्यक्तिगत साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और कपड़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सेनेटरी पैड को घरेलू तरीके से नष्ट करने के तरीके भी सिखाए गये और बताया गया कि घरेलू छोटे मटके से भी पैड को सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जा सकता है ।

इस मौके पर किशोर-किशोरियों को खेलों के माध्यम से परिवार नियोजन का महत्व बताया गया और उपलब्ध सभी साधनों के बारे में जानकारी दी गयी । सेफ्टी टूल की भी जानकारी दी गयी । यह भी जानकारी दी गयी कि छह से दस वर्ष आयु वर्ग में पिंक कलर की आयरन फोलिक की गोली हफ्ते में एक बार अवश्य खानी है । इसी प्रकार 10 से19 आयु वर्ग में हफ्ते में एक नीली गोली अवश्य खानी है। यह गोलियां और किशोरियों के लिए निःशुल्क सेनेटरी पैड सभी सरकारी स्कूलों में निःशुल्क उपलब्ध हैं । किशोरों को नशे से दूर रहने का संदेश दिया गया । यह भी बताया गया कि अगर किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तन संबंधित जानकारी चाहिए तो किशोर जिला अस्पताल में संचालित अर्श क्लिनिक, जबकि किशोरियां जिला महिला अस्पताल में संचारित अर्श क्लिनिक में संपर्क करें।

*एनीमिया को रोकना होगा*

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ नंद कुमार ने बताया कि किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का एक प्रमुख उद्देश्य किशोर-किशोरियों में एनीमिया की रोकथाम है। राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-05 (2019-21) के अनुसार 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग में 53.4 फीसदी महिलाएं एनीमिक पाई गईं। अगर किशोरावस्था से ही पोषण का ध्यान रखा जाए तो इस सूचकांक में सुधार किया जा सकता है । मासिक धर्म स्वच्छता व्यवहार और आयरन-फोलिक गोलियों के सेवन की इसमें अहम भूमिका है।इन व्यवहारों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक माह की आठ तारीख को किशोर दिवस के आयोजन किये जा रहे हैं।