Friday, July 5, 2024
बस्ती मण्डल

पत्रकारों के हित के लिए सरकार को लाना होगा पत्रकार सुरक्षा कानून- रवीन्द्र श्रीवास्तव

सिद्धार्थनगर। पत्रकारों के साथ आए दिन उत्पीड़न हो रहा है। पत्रकारो को सरकारी तौर पर किसी भी तरह की सुविधा और सुरक्षा नहीं है। जिसके लिए पत्रकार समुदाय को आपसी मतभेद को भूलकर तथा एकजुट होकर पत्रकार सुरक्षा कानून लाने के लिए संघर्ष करना होगा। और हमें पूर्ण विश्वास है कि यदि पत्रकार समुदाय संघर्ष पर उतर जाएगा तो सरकार को विवश होकर पत्रकार सुरक्षा कानून बनाना ही पड़ेगा। पत्रकार समाज कल्याण समिति सिद्धार्थनगर के जिला अध्यक्ष रवीन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि आज पत्रकार समुदाय अलग-अलग संगठनों और खेमों में बटा हुआ है। जिसका लाभ समाज और सरकारी तंत्र दोनों ले रहे हैं। और पत्रकार केवल शोषण और उत्पीड़न का शिकार होता जा रहा है। आए दिन पत्रकारों के साथ उत्पीड़न, मारपीट और मुकदमे बाजी की घटनाएं धीरे-धीरे आम होती जा रही हैं। लोग पत्रकारों को फर्जी मुकदमे में फंसाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं, और इसी तरह ने अपना बदला निकालते हैं। जिसके लिए यह आवश्यक हो गया है कि पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून सरकार बनाए और उसे कड़ाई से लागू करें। जिला अध्यक्ष रवीन्द्र श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि बहुत ही चिंता का विषय है कि थाना स्तर, ब्लॉक स्तर, तहसील स्तर आदि स्थानों के पत्रकार दिन रात कठिन परिश्रम करके खबरों का संकलन करते हैं तथा तरह-तरह की समस्याओं से गुजरते हैं, पर सरकार सुविधा और मान्यता देने के नाम पर जिला और प्रदेश स्तर के पत्रकारों को मान्यता प्रदान कर चिकित्सा, परिवहन, रेल तथा अन्य सुविधाएं प्रदान करती है जो लज्जा का विषय है। कड़ी धूप और बरसात में कार्य करने वाले तहसील और ब्लाक के पत्रकारों के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। इसके लिए हम पत्रकार समुदाय को आवाज उठानी पड़ेगी अन्यथा यह तबका शोषित ही होता रहेगा। अभी हाल में ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कोविड-19 को लेकर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए भारी-भरकम धनराशि की घोषणा की, पर तहसील स्तर, ब्लॉक स्तर तथा थाना स्तर के पत्रकारों के लिए उन्होंने कोई सुविधा नहीं प्रदान की। जिसको लेकर पत्रकार समुदाय काफी आहत है। इसीलिए सभी पत्रकार भाइयों से मेरा अपील है आपसी मतभेद को दूर कर पत्रकार समाज के कल्याण के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लाने की लड़ाई की शुरुआत कर देनी चाहिए और इसके लिए सड़क से लेकर संसद तक का घेराव होना चाहिए। पत्रकार समाज कल्याण समिति के संस्थापक अध्यक्ष सूरजभान सिंह बघेल जी इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें सभी का सहयोग चाहिए। बगैर सहयोग के किसी भी लड़ाई में जीत संभव नहीं है।