Sunday, May 19, 2024
हेल्थ

स्तनपान को बढ़ावा देने की मेडिकल कालेज की अनूठी पहल

गोरखपुर, 08 अगस्त 2022। बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज का बाल रोग विभाग सही तरीके से छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान का संदेश पहुंचाने में जुटा है । विश्व स्तनपान सप्ताह (01-07 अगस्त) के उपलक्ष्य में नुक्कड़ नाटक समेत विविध जनजागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन किये गये और धात्री महिलाओं को समूहों में बैठाकर इस विषय में जानकारी दी गयी । इसके अलावा कॉलेज में बने कंगारू मदर केयर (केएमसी) वार्ड में भी स्तनपान का महत्व बताते हुए सही तरीके से स्तनपान करवाने का तरीका नियमित तौर पर सिखाया जाता है ।

दो दर्जन से अधिक धात्री महिलाओं को सही तरीके से स्तनपान के बारे में रविवार को जानकारी दी गयी । कॉलेज के बाल एवं शिशु रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ अनिता मेहता के दिशा-निर्देशन में पूरे सप्ताह इस प्रकार के आयोजन किये गये। सोमवार को नुक्कड़ नाटक भी किया गया और स्तनपान के बारे में अहम संदेश दिये गये।

डा० कुलदीप सिंह ने धात्री महिलाओं को बताया गया कि स्तनपान के दौरान निप्पल के किनारे के एरिओला(काला हिस्सा) को भी बच्चे के मुंह में रखना चाहिए। ऐसा करने से स्तन में दूध आसानी से आने लगता है और निप्पल के कटने की भी आशंका कम रहती है । डा० प्रियंका सिंह ने यह जानकारी दी कि, अगर स्तनपान के दौरान निप्पल कट जाता है तो साफ-सुथरे हाथों से कटोरी में दूध निकाल कर पिलाना चाहिए और उसी दूध को निप्पल पर लगाने से घाव ठीक हो जाता है । स्तनपान कराते समय शिशु के सिर पर हाथ लगा कर रखना है। अगर जुड़वा बच्चे हैं तो दोनों को एक साथ ही स्तनपान करवाना है । डा० अजीत कुमार यादव ने बताया कि, अगर सिजेरियन प्रसव हुआ है तो भी स्टॉफ नर्स से परामर्श लेकर पहले दिन से ही तीन अलग-अलग मुद्रा(पोस्चर) में स्तनपान करवाना है । डा० अदिति अग्रवाल ने बताया कि, बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहलागाढ़ा पीला दूध (कोलेस्ट्रम) देना है और छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान करवाना है। बाहर का कोई भी पेय पदार्थ बच्चे को नहीं देना है क्योंकि इससे बच्चा बीमार हो सकता है।

*कामकाजी मां भी कराएं स्तनपान*

विभागाध्यक्ष डॉ अनिता मेहता ने बताया कि कामकाजी महिलाएं भी बच्चों को स्तनपान करवा सकती हैं । ऐसी माताएं साफ-सुथरे हाथों से कटोरी में दूध निकाल कर रख दें। यह दूध कमरे के तापमान पर छह से आठ घंटे तक खराब नहीं होता है। इसे ढक कर रखा जाना चाहिए । इस दूध को घर का कोई सदस्य बच्चे को पिला सकता है । अगर मां का निकाला हुआ दूध फ्रीज में रखा जाए तो 24 घंटे खराब नहीं होता है लेकिन ऐसा दूध पिलाने के लिए फ्रीज से निकालने के बाद एक घंटे कमरे के तापमान में रखना आवश्यक होता है ।

डा० अभिषेक सिंह ने यह बताया कि, बच्चे को छह माह बाद भी पूरक आहार के साथ कम से कम दो वर्ष तक स्तनपान कराने से वह निरोग रहता है । बीमार होने पर भी सफाई के साथ दूध निकाल कर स्तनपान करवाना है।

डा० भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि जिन माताओं को दूध कम होता है उनके बच्चों को वह माताएं भी दूध पिला सकती हैं, जिनको दूध हो रहा हो।

डा० एस० एन० सिंह ने बताया कि एचआईवी व कोविड ग्रसित माताएं भी एहतियाती उपायों को ध्यान में रख कर स्तनपान करा सकती हैं अथवा दूध को निकाल कर बच्चे को पिला सकती हैं।

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ आवासीय चिकित्सक डा० नवीन, डा० इक़बाल, डा० अनामिका, एम बी बी एस के छात्र छात्राएँ, डायटीशीयन पद्मिनी और स्टाफ़ नर्सेज ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

*नेहा की समझदारी से स्वस्थ है बेटा*

कुशीनगर जनपद के फाजिलनगर की रहने वाली नेहा यादव (28) का कहना है कि उनका पहला बच्चा एक निजी अस्पताल में हुआ था। वहां की चिकित्सक ने उन्हें स्तनपान का महत्व समझाया। उन्होंने बच्चे को अपना पहला गाढ़ा दूध भी पिलाया था। छह महीने तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान करवाया और आहार के साथ स्तनपान भी जारी रखा। नेहा का मानना है कि अगर उनका बच्चा स्वस्थ है तो इसमें चिकित्सक की राय और स्तनपान का काफी महत्वपूर्ण योगदान है। वह बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पैदा हुए अपने दूसरे बच्चे को भी सिर्फ स्तनपान करवा रही हैं।

*आकंड़ों में स्तनपान*

राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-05 (2019-2021) के अनुसार प्रदेश में तीन वर्ष से कम उम्र के 23.9 फीसदी माताओं ने जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान करवाया । वर्ष 2015-16 के सर्वेक्षण-04 में यह आंकड़ा 25.2 फीसदी था । इसी प्रकार सर्वेक्षण-05 के अनुसार छह माह तक 59.7 फीसदी बच्चों ने सिर्फ स्तनपान किया है, जबकि सर्वेक्षण-04 में यह आंकड़ा 41.6 फीसदी था। सर्वेक्षण-5 (2019-21) के अनुसार गोरखपुर जिले में तीन साल से कम उम्र के महज 38.8 फीसदी बच्चों ने ही जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान किया है । यह चिंता का विषय है। इसी सर्वेक्षण के मुताबिक 71.2 फीसदी बच्चों ने छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान किया है।