Friday, July 5, 2024
बस्ती मण्डल

अली असगर की शहादत इंसानी तारीख की सबसे दर्दनाक घटना

– कर्बला के नन्हें शहीद की याद में निकाला झूले का जुलूस

बस्ती। कर्बला के नन्हें शहीद हजरत अली असगर की याद में शाबान मंजिल से झूले का जुलूस निकाला गया। अली असगर की शहादत इंसानी तारीख की सबसे दर्दनाक घटना शुमार की जाती है। अली असगर की याद में इमामबाड़ों में मजलिसों का आयोजन किया गया।
इमामबाड़ा शाबान मंजिल में आयोजित मजलिस को खिताब फरमाते हुए मौलाना मोहम्मद हैदर ने कहा कि तीन दिन के प्यासे छह माह के अली असगर की प्यास जब इमाम हुसैन से देखी न गई तो वह बच्चे को हाथों में लेकर इस उम्मीद के साथ जंग के मैदान में आए कि शायद कोई बच्चे पर तरस खाकर उसे पानी पिला दे। इमाम ने बच्चे को पानी पिलाने की विनती की। यजीदियों ने बच्चे को पानी पिलाने के बजाए तीर चलाकर उसे शहीद कर दिया। तीर बच्चे की गर्दन में लगा, जिससे वह इमाम की गोद में ही दम तोड़ गया। इमाम बच्चे के शव को उसकी मां तक ले जाने की हिम्मत नहीं कर सके, और कर्बला में एक जगह कब्र खोदकर दफन कर दिया।
उन्होंने कहा कि जुल्म की पराकाष्ठा तब नजर आई जब इमाम की शहादत के बाद यजीदी फौज ने मासूम के शव को खोजने के लिए कर्बला में जगह-जगह जमीन में भाले चुभाने शुरू कर दिए। एक फौजी के भाले में फंसकर मासूम का शव बाहर आ गया। उसने बच्चे का सिर काटकर शव को फेंक दिया। 72 शहीदों के सिर के साथ अली असगर का भी सिर यजीद के दरबार में प्रदर्शित किया गया।
जुलूस में सुहैल हैदर, मोहम्मद रफीक, सोनू आदि ने नौहा पढ़ा। सोगवारों ने मातम किया। जीशान रिजवी, शम्स आबिद, अंसर, सिराजु, जैन, अन्नू, नकी हैदर, सफदर रजा सहित अन्य शामिल रहे।