हाइकु (नाग पंचमी)
बचपन से
जाना बीन बजाने
से आते सर्प।
कहानी सुनी
नाग नागिन की मां
से अनोखी सी।
धारावाहिकों
में भी किस्से विशेष
नागमणि के।
सावन मास
शुक्ल पक्ष पंचमी
मनाते पर्व।
आस्तिक मुनि
ने रोका यज्ञ रक्षा
करी नागों की।
इसी कारण
बचा नागवंश था
तक्षक शेष।
मुनि वर ने
छिड़का कच्चा दूध
किया रक्षित।
किया अर्पण
उनपे कच्चा दूध
की ताप रक्षा।
पावन यह
नाग पंचमी पर्व
मनाते सभी।
घर के द्वारे
गढ़ते नाग आठ
करते पूजा ।
बखीर दाल
भरी पूड़ी चने खा
कजरी गाते।
था एक राजा
हुआ था क्रोधित वो
लड़कियों से।
पचती नहीं
कोई बात पेट में
इनको पीटो।
पीटा उसने
चौराहे पे मरवा
डाला सबको।
बस तब से
गुड़िया इस दिन
पीटी जाती।
सावन मास
लाता अनेक पर्व
मन भावन ।
स्वरचित
शब्द मेरे मीत
डाक्टर महिमा सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश