Wednesday, June 26, 2024
हेल्थ

सुरक्षित और सरल है परिवार नियोजन में पुरूष भागीदारी

– सीएमओ ने परिवार नियोजन के साधन अपनाने की किया अपील

बस्ती। बढ़ती आबादी से जहां संसाधनों की कमी हो सकती है, वहीं देश की अर्थव्यस्था पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पडता है। आबादी को सीमित रखने के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उपलब्ध सेवाओं के फायदे बताने के साथ ही उसे आसानी से सुलभ कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
सीएमओ डॉ. चंद्रशेखर का कहना है कि लोगों को छोटा परिवार-सुखी परिवार के फायदे बताए जा रहे हैं। छोटे परिवार का सपना तभी साकार हो सकता है, जब महिलाओं की तरह पुरूष भी परिवार नियोजन में अपनी सहभागिता निभाएं। पुरूष नसबंदी से किसी तरह की शारीरिक कमजोरी नहीं आती है। यह महिला नसबंदी की अपेक्षा ज्यादा आसान और सुरक्षित है।

नसबंदी कराने के बाद मिली खुशी
सीएचसी भानपुर अंतर्गत बांकेचोर निवासी राम सूरत ने बताया कि उनका बड़ा बेटा पांच साल का है, जबकि छोटी बेटी तीन साल की है। खेती, मजदूरी से परिवार चलता है। आशा अंगूरा देवी के समझाने पर नसबंदी करा ली। नसबंदी के दौरान उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई। किसी तरह की समस्या नहीं है और पहले की तरह मेहनत-मजदूरी करता हूं। गांव निवासी रामकुमार ने बताया कि उनका बड़ा बेटा 10 साल का जबकि छोटा सात साल का है। आशा ने समझाया कि नसबंदी स्थायी व सुरक्षित परिवार नियोजन का साधन है। नसबंदी कराने के बाद पहले की तरह जिन्दगी गुजार रहा हूं। एसीएमओ आरसीएच डॉ. सीके वर्मा का कहना है कि पुरूष नसबंदी 99 प्रतिशत से ज्यादा सफल होती है।

पुरूष नसबंदी के लिए जरूरी शर्ते
– लाभार्थी की उम्र 22 वर्ष से 60 वर्ष या उससे कम हो।
– परिवार में कम से कम एक बच्चा हो।
– बच्चे की उम्र एक साल से अधिक हो।
– पति-पत्नी में से किसी एक की नसबंदी होगी।

विफल होने पर मिलती है धनराशि
डीपीएम राकेश पांडेय का कहना है कि नसबंदी विफल होने की दशा में लाभार्थी को 60,000 रुपए का भुगतान नियमानुसार किया जाता है। नसबंदी कराने के सात दिनों के अंदर अगर मृत्यु हो जाती है तो चार लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार आठ से 30 दिन के अंदर मृत्यु होने की दशा पर एक लाख रुपए की धनराशि दिए जाने का प्रावधान है। 60 दिनों के अंदर अगर किसी तरह की जटिलता होती है तो इलाज के लिए 50 हज़ार रुपए तक की धनराशि दी जाती है। प्रेरक को 400 रुपए का भुगतान किया जाता है।