Thursday, June 27, 2024
हेल्थ

कंडोम बॉक्स तक आएं, बिना हिचकिचाहट कंडोम ले जाएं

जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी, न्यू पीएचसी, यूपीएचसी, जिला महिला अस्पताल, सीएमओ आफिस और एचडब्ल्यूसी पर उपलब्ध है कंडोम बॉक्स

विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान जनसमुदाय के बीच इस सुविधा का प्रचार प्रसार किया जाएगजाए

गोरखपुर। महानगर में रह रहे पंकज (46) ने दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन अपनाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने अपनी पंसद के आधार पर पुरुष भागीदारी के अस्थायी साधन कंडोम का चुनाव किया। वह बारह वर्षों से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। वह बताते हैं कि पहले दुकान पर या स्वास्थ्यकर्मी से कंडोम मांगने में झिझक होती थी, लेकिन पिछले दो वर्षों से उन्हें अब इसका सामना नहीं करना पड़ता है । वह जिले के किसी भी कंडोम बॉक्स से कंडोम ले जाते हैं और इस्तेमाल करते हैं। इस बॉक्स के कारण निजता बनी रहती है ।

दुकान से लोगों के सामने कंडोम खरीदने में जिन लोगों को संकोच या हिचकिचाहट होती थी उनके लिए राहत की बात यह है कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम पेटिका (कंडोम बॉक्स) की सुविधा उपलब्ध है। इस बॉक्स से 24 घंटे कभी भी निःशुल्क कंडोम प्राप्त किया जा सकता है। इस व्यवस्था से जहां एक ओर लोगों को शर्म और संकोच का सामना नहीं करना पड़ेगा वहीं उनकी जेब भी ढीली नहीं होगी और महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा भी मिलेगा। जिले में 27 जून से शुरू हो रहे विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े में भी इस सुविधा का प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि लोग इसका फायदा ले सकें।

जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी, न्यू पीएचसी, यूपीएचसी, सीएमओ आफिस, जिला महिला अस्पताल और एचडब्ल्यूसी पर पर लकड़ी से बने बॉक्स में कंडोम के पैकेट भरकर ऐसी जगह लगाये गए हैं, जहां सभी की पहुँच भी हो और उनकी गोपनीयता भी बनी रहे । कंडोम बॉक्स खाली होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुनः इसे भर देते हैं और यह चक्र चलता रहता है ।

सीएचसी पिपरौली के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर राजगौरव सिंह ने बताया कि उनके यहां कंडोम बॉक्स को अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ के कक्ष के बगल में सार्वजनिक स्थान पर लगाया गया है, जिससे यह आसानी से लोगों की पहुँच में हो। उन्होने बताया – शुरुआत में लोगों को कम जानकारी थी लेकिन अब इसमें आवश्यकतानुसार कंडोम के पैकेट भरने पड़ते हैं।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार का कहना है कि गर्भावस्था को रोकने के साथ ही संक्रमण को रोकना और यौन व प्रजनन स्वच्छता में सुधार करना पुरुष की भी जिम्मेदारी है। इसके लिए परिवार नियोजन का एक मात्र अस्थायी साधन “कंडोम” अधिकतर लोगों के लिए उपयुक्त है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। इसकी उपलब्धता आमजन तक आसान हो, इसके लिए जनपद के 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी), नौ ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (बीपीएचसी), 23 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों, 56 नये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो और 124 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर कंडोम पेटिका (कंडोम बॉक्स) की व्यवस्था की गयी है। शेष 406 स्वास्थ्य उपकेंद्रों (सब सेंटर) पर इसकी स्थापना के निर्देश दे दिये गए हैं । उन्होने बताया – जनपद में वित्तीय वर्ष 2019-20 में जहां 6.83 लाख कंडोम की खपत थी वहीं 2021 -22 में यह बढ़कर 16.67 लाख से अधिक हो गयी।

*कारगर है कंडोम*

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी ने बताया कि कंडोम रबड़ का एक आवरण है जो शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकता है। यह गर्भधारण को रोकने में 75 से 90 प्रतिशत तक कारगर है । इसके साथ ही यह यौन रोग व एड्स से भी बचाता है। उन्होने बताया-जनपद में परिवार नियोजन के अन्य साधनों की अपेक्षा कंडोम के उपयोगकर्ता अधिक हैं।

*ऐसे लाभप्रद है कंडोम*

• बीस वर्ष से पहले यानि किशोर गर्भावस्था से बचाव
• अनचाहे गर्भ से बचाव
• दो बच्चों के जन्म के बीच तीन साल का अंतर रखने में सहायक
• उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था से बचाव
• मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने में सहायक
• यौन संचारित रोग से बचाव

*समझें उपयोग*
• हर बार नए कंडोम का इस्तेमाल करें
• पैकेट पर एक्स्पायरी डेट देख लें
• पैकेट से निकालते समय कंडोम फटना नहीं चाहिए
• इस्तेमाल के बाद कंडोम को गड्ढे में दबा दें या सुरक्षित निस्तारण करें
• यौन संबंध के दौरान कंडोम फट जाए या फिसल जाय तो आपातकालीन गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करें
• कंडोम ठंडे, शुष्क स्थान में, धूप से बचाकर रखें
• पुराने और फटे पैकेट में रखे कंडोम टूट सकते हैं