Friday, July 5, 2024
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ये वक्त भी गुज़र जाएगा” विषयक नई उमंग हिंदुस्तान परिवार द्वारा आयोजित की गई काव्य गोष्ठी

साहित्य। दिनांक 16/06/2022 को नई उमंग परिवार द्वारा एक लंबे समय बाद काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया | कार्यक्रम का शुभारंभ विघ्नहर्ता गजानन को याद करते हुए अनुराधा प्रियदर्शिनी ने अपनी समधुर वाणी से वंदना की साथ ही सरस्वती वंदना के साथ संगीता बहुगुणा के द्वारा अपने मधुर वाणी से कार्यक्रम को शुरुआत की ओर ले गए। आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन करते रहे हुए कार्यक्रम में शामिल सभी रचनाकारों का स्वागत करते हुए नई उमंग हिंदुस्तान परिवार के संरक्षक संस्कार अग्रवाल को जन्मदिन की अग्रिम शुभकामनाएं भी प्रदान की ।
काव्य गोष्ठी का विषय-“ये वक़्त भी गुज़र जाएगा” रखा गया था।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रामकरण साहू जी ने हृदय के भाव को सिमेटकर नि:शब्द कर देने वाली स्वरचित रचना प्रस्तुत की| उन्होंने बताया कि जब अपनी रचना से आप खुद आनंदित नहीं होते, आप दूसरों को आनंद नहीं दे सकते। कविता को सार्थक रूप से परिभाषित करते हुए उन्होंने में भाव विभोर कर दिया । संस्था के उत्तरोत्तर प्रगति हेतु हृदय की अनंत गहराइयों से अपना आशीष प्रदान किया और हमेशा साथ बनाए रखने की बात कह संस्था को आनंद चित्त कर दिया।कार्यक्रम की अध्यक्षा अनामिका मिश्रा ने अपनी सुमधुर वाणी से स्वरचित सार्थक रचना प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी।संस्था के साथ जुड़कर उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए अपना स्नेह और आशीष प्रदान किया।

कार्यक्रम की मुख्य संचालिका रीता प्रधान ने कार्यक्रम की शुरुआत देव तुल्य मुख्य अतिथि रामकरण साहू और अध्यक्षा अनामिका मिश्रा से अनुमति लेते हुए की। उन्होंने कहा कि कोई सदैव अमीर नहीं ना कोई सदैव गरीब रहता है, ना कोई खुशी खरीद सकता ना कोई अपना गम बेच सकता है। समय परिवर्तन शील है, जो गुज़र ही जाता है।सह संचालक के रूप में राजू कुमार ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।दोनों के संयुक्त संचालन से काव्य गोष्ठी संपन्न हुआ।सम्मेलन में .डॉ आर के मतङ्ग, सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा, संगीता बहुगुणा, अनुराधा प्रियदर्शिनी, डॉ. सुषमा तिवारी, रेखा शर्मा, हुमा अंसारी ,ऊषा जैन कोलकाता, प्रियदर्शिनी आचार्य, डॉ शशिकला अवस्था, रश्मि श्रीवास्तव ‘सुकून’, संगीता श्रीवास्तवा, श्वेता दूहन देशवाल, आरती मेहर , प्रज्ञा आम्बेरकर, राधिका सोलंकी,
कवि मकरंद रमाकांत जेना, ईश्वर चंद्र ,सुरंजना पांडेय, प्रभात राजपूत प्रो मीना श्रीवास्तव, तबरेज़ अहमद,संस्कार अग्रवाल,
राजू कुमार, रीता प्रधान ने प्रतिभाग किया| विषय आधारित अपनी गीतों गजलों से प्रतिभागियों ने सबका मन मोह लिया।सम्मेलन में मुख्य श्रोता के रूप में प्रवीण गौतम जी संगीता श्रीवास्तव जी आदि रचनाकार शुरुआत से अंत तक बने रहे और अपना आशीष , स्नेह प्रदान किया। अन्य श्रोताओं के रूप में दिल्ली, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कोलकाता, असम इत्यादि जगहों से रचनाकार जुड़े रहें| कार्यक्रम आयोजक तबरेज़ अहमद ने संस्था के सभी सम्मानित पदाधिकारियों का परिचय देते हुए संस्था के उत्तरोत्तर प्रगति हेतु विचार किए गए कार्यों को साझा कर सभी रचनाकारों से सहयोग की आशा की और साथ और स्नेह बनाए रखने हेतु निवेदन किया।अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम के समापन की घोषणा की| सम्मेलन का आरंभ शाम 6 बजे हुआ जो शाम 9:00बजे समाप्त हुआ| कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नई उमंग परिवार के सभी पदाधिकारीगण तथा वरिष्ठ कवि गण सम्मेलन में बने रहें |