Wednesday, June 26, 2024
साहित्य जगत

अच्छा लगता है

सुबह-सुबह घर के कामों में व्यस्त
रहता मुझे देखकर
मेरे लिए तुम्हारा एक कप
चाय बना देना
बड़ा अच्छा लगता है!

ऑफिस जाने की भाग दौड़ में
अपने साथ-साथ मेरे लिए भी
तुम्हारा लंच पैक कर देना
सच में बड़ा अच्छा लगता है!
बड़ी- बड़ी मीटिंग के बीच भी
मुझे मैसेज करके पूछना कि
तुमने लंच किया कि नहीं
मुझे बड़ा अच्छा लगता है।

थक कर चूर होने के बावजूद
घर वालों के लिए
मेरे खाना बनाने के बाद
तुम्हारा मुझसे कहना
तुम बैठो खाना मैं लगा देता हूं
सच में बड़ा अच्छा लगता है!

तुम भले मेरे लिए उपहार नहीं लाते
पर तुम्हारा वह अपनेपन से कहना
कि तुम सो जाओ
मैं तुम्हारा सिर दबा देता हूं
सच कहती हूं बड़ा अच्छा लगता है।

©रजनी प्रभा
मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार