Sunday, May 19, 2024
हेल्थ

मिथकों व गलफहमियां दूर कर अपनाएं स्वच्छता

माहवारी स्वच्छता दिवस आज

माहवारी के दौरान रखें खान-पान पर विशेष ध्यान

बस्ती। माहवारी के दौरान लोगों में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए व लोगों के बीच माहवारी के विषय पर खुल कर बातचीत करने के लिए हर साल 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जा रहा है। इसका परिणाम यह हुआ है कि जहां किशोरियों व महिलाओं में भ्रांतियां दूर हो रही हैं, वहीं अब लोग खुल कर इस विषय पर बात कर रहे हैं।

जिला महिला अस्पताल की साथिया केंद्र की अर्श काउंसलर सीमा सिंह ने बताया कि उनके पास ऐसी किशोरियां व महिलाएं आती हैं, जिनके घर वाले उन्हें बताते हैं कि माहवारी के दौरान तीन दिन तक नहाना नहीं है, सात दिन तक बाल नहीं धोना है, इस दौरान चौके के करीब नहीं जाना है। यह सब ऐसी बंदिशें हैं जो माहवारी के कष्ट को और बढ़ा देती हैं। इससे परिवार में किशोरी खुद को अलग-थलग महसूस करने लगती है। माहवारी के दौरान महिला पहले से ही मानसिक तनाव में रहती है और उसमें चिड़चिड़ापन पैदा हो जाता है। बंदिशों के कारण उनके मानसिक तनाव व चिड़चिड़ेपन में इजाफा हो जाता है। सबसे पहले समाज में मौजूद इन भ्रांतियों को दूर कर माहवारी के दौरान भी किशोरी व महिला को सामान्य जीवन जीने का अवसर परिजनों को देना चाहिए, जिससे वह खुद को अलग-थलग महसूस न करें। जिला अस्तपाल के साथिया केंद्र के काउंसलर विष्णु देव ने बताया कि उनके केंद्र पर जो किशोर आते हैं, वह उनसे भी माहवारी के संबंध में बात करते हैं। उन्हें बताने का प्रयास करते हैं कि यह महिलाओं में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है।

स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें
सीमा सिंह का कहना है कि माहवारी के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। व्यक्तिगत साफ-सफाई न होने से लीकोरिया का खतरा पैदा हो जाता है। पैड या जो कपड़ा इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे चार घंटे में बदल देना चाहिए। ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से किसी तरह का संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस्तेमाल किया हुआ पैड कभी भी खुले में न फेंके, इससे भी बीमारी का खतरा पैदा हो जाता है। नियमित रूप से स्नान करें। ज्यादा अच्छा हो स्नान के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें। इस दौरान पूरी तरह प्रसन्नचित रहने का प्रयास करें।

खान-पान का रखें विशेष ध्यान
माहवारी के दौरान खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सीमा सिंह का कहना है कि 10-19 साल की उम्र की किशोरियों में हीमोग्लोबीन 14-15 ग्राम होना चाहिए, जबकि आम तौर से जांच कराने पर 8-10 तक निकलता है जो काफी कम है। अस्पताल में मिलने वाली ब्लू ऑयरन की गोली का इस्तेमाल हर सप्ताह करते रहे। खाने में हरी पत्तेदार सब्जी, मिली जुली दाल, दूध, अंडा, मांस आदि का इस्तेमाल अपनी पसंद के अनुसार करें।

जागरूक हुई तो ले जाने लगी ऑयरन की गोलियां
जिला महिला अस्पताल में प्रति दिन काफी महिलाएं व किशोरियां साथिया केंद्र पर आती हैं और एक माह के लिए ऑयरन की गोलियां लेकर जाती हैं। बालिका जूनियर हाईस्कूल कटेश्वार पार्क की कक्षा सात की दो छात्राएं साथियां केंद्र पहुंची और शुक्रवार को ब्लू ऑयरन की गोली लेकर गई। काउंसलर सीमा सिंह ने उनके स्वास्थ्य के बारे में भी उनसे बात-चीत की। सीमा सिंह का कहना है कि अगर किसी किशोरी को समस्या है तो वह साथिया केंद आकर उनसे परामर्श ले सकती है।